
बुढ़ापे में Alzheimer's से बचने के लिए करें 'ये' काम, वरना यादाश्त खो जाने पर बहुत बुरी हो सकती है ज़िंदगी
डिमेंशिया यानी अल्जाइमर मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिसमें लोगों की मेमोरी पावर कमजोर होने के साथ ही सोचने-समझने की क्षमता कम होने लगती है। आमतौर पर,ये बीमारी बुढ़ापे में व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है। लेकिन, मौजूदा समय में युवा भी इसकी चपेट में आने लगे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस बीमारी में दिमागी फंक्शन प्रभावित होने की वजह से, मरीज रोजमर्रा के छोटे-मोटे काम, जैसे सड़क पार करना, बाजार से सामान लाना आदि भी ठीक से नहीं कर पाता। हालांकि, अभी तक अल्जाइमर डिजीज का कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके इसके रिस्क को कम किया जा सकता है। आइए जानते है लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके कैसे इसके रिस्क को कम किया जा सकता है।
कैसे करें अल्जाइमर से बचाव
फल और सब्जियां
अपने डाइट में अलग-अलग और रंग-बिरंगे फल और सब्जियां शामिल करें। इनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो ब्रेन सेल्स को नुकसान से बचाते हैं।
साबुत अनाज
साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स और क्विनोआ दिमाग के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इससे अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स
मछली, अलसी के बीज और अखरोट में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड्स ब्रेन सेल्स को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
सेचुरेटेड और ट्रांस फैट्स कम खाएं
सेचुरेटेड और ट्रांस फैट्स से भरपूर फूड आइटम्स को कम से कम मात्रा में डाइट में शामिल करें, क्योंकि ये दिमाग के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
नियमित एक्सरसाइज
चलना, दौड़ना, स्वीमिंग और साइकिलिंग जैसी कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज दिमाग के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मॉडिरेट इंटेंसिटी की एक्सरसाइज करने की कोशिश करें।
भरपूर नींद लें
रोज रात 7-9 घंटे की नींद लेने की कोशिश करें। अच्छी नींद दिमाग के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
स्मोकिंग न करें और शराब न पीएं
स्मोकिंग ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचाता है और अल्जाइमर डिजीज के जोखिम को बढ़ाता है।
इसके अलावा, शराब पीना भी दिमागी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है।






