आंखें बताएगी बीमारी का हाल (सौ. सोशल मीडिया)
Australia AI medical research: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI ने हर क्षेत्र में प्रगति कर ली है और अन्य क्षेत्र में प्रयास किए जा रहे है। ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक एक एआई टूल बना रहे है जो आंखों के जरिए हर बीमारियों का हाल बताएगा। यहां पर यह एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल हैं, जो आंख की झिल्ली यानी रेटिना की तस्वीरों का विश्लेषण कर दिल और गुर्दे से जुड़ी क्रॉनिक बीमारियों का सटीक पता लगाने में मदद करेगा।
बताते चलें कि, एआई टूल को बनाने की तैयारी मोनाश यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में चल रही है, जिसका लक्ष्य एक ‘फाउंडेशनल एआई मॉडल’ तैयार करना है। यह खास तरह के AI मॉडल रेटिना की छवियों के माध्यम से उन सिस्टमेटिक बीमारियों की पहचान करेगा जो पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं, न कि केवल किसी एक अंग को। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, शोध दल उन्नत एआई तकनीक का उपयोग करते हुए हजारों लोगों के स्वास्थ्य डेटा और रेटिना इमेजेज का अध्ययन कर रहा है। इसका उद्देश्य ऐसे नॉन-इनवेसिव और सटीक स्क्रीनिंग टूल्स विकसित करना है, जो रोगों की पहचान, उपचार और रोकथाम में मदद करें।
यहां पर बताया जा रहा है कि, मौजूदा उपकरण सीमित विकल्पों और उच्च कीमतों के कारण व्यापक रूप से उपयोग में नहीं आ पाते। वहीं, इस नई तकनीक के आने से स्थिति बदल सकती है।मोनाश यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर झोंगयुआन गे ने बताया कि, यह प्रोजेक्ट डी-आइडेंटिफाइड (गोपनीय) और वर्षों से एकत्र किए गए स्वास्थ्य डेटा पर आधारित है। इस आधार पर एक मल्टीमॉडल एआई मॉडल तैयार किया जा रहा है, जो एक साथ कई बीमारियों की पहचान करने में सक्षम होगा। यह अब तक उपयोग में आने वाले सिंगल-डिजीज मॉडल्स से कहीं अधिक उन्नत होगा।
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ऑप्टेन हेल्थ के अध्यक्ष जैकरी टैन, जो इस अध्ययन के सह-नेता हैं, ने कहा कि रेटिनल इमेजिंग के जरिए बीमारियों का शुरुआती चरण में पता लगाना आसान हो जाएगा। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था को उपचार से ज्यादा रोकथाम पर केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
आईएएनएस के द्वारा