आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार, फोटो- सोशल मीडिया
Haryana IG Y Puran Kumar Suicide: आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने हाल ही में आत्महत्या कर ली। उन्होंने ये तब किया जब उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी पी. अमनीत कुमार फिलहाल जापान दौरे पर हैं साथ ही हाल ही में उनका तबादला भी किया गया था। प्रशासनिक गलियारे में उनके आत्महत्या के फैसले की चर्चा जोरों पर है।
वाई. पूरन कुमार साल 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और हाल ही में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (पीटीसी) सुनारिया, रोहतक में आईजी के पद पर नियुक्त किए गए थे। इस घटना से पूरे पुलिस महकमे में शोक और सन्नाटा फैल गया है।
पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली। रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना चंडीगढ़ के सेक्टर-11 की है। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, एसएसपी, फोरेंसिक टीम और सीएफएसएल मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जांच शुरू की। अभी तक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पूरन की आत्महत्या के बाद कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
आईजी वाई. पूरन कुमार को 29 सितंबर को सरकार ने पीटीसी सुनारिया का आईजी बनाया था। इससे पहले वे पांच माह तक रोहतक रेंज के आईजी पद पर तैनात थे। इस साल 21 अप्रैल को हुए बड़े प्रशासनिक फेरबदल में उन्हें हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन से रोहतक रेंज का आईजी बनाया गया था। महज नौ दिन पहले ही उनका फिर से तबादला किया गया था।
#WATCH | Chandigarh: Kanwardeep Kaur, Chandigarh SSP says, “We got information of a shooting at around 1:30 PM at Sector 11 Police Station. When we reached here, we found that a reported suicide had taken place. The body of IPS officer Y Puran Kumar was found at his residence.… pic.twitter.com/b6acTw3EIu — ANI (@ANI) October 7, 2025
मामले में पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी फिलहाल मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मंत्री राव नरवीर और आईजी की पत्नी आईएएस अधिकारी पी. अमनीत कुमार फिलहाल जापान दौरे पर हैं। अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने आत्महत्या क्यों की। क्या इसके पीछे किसी प्रकार का प्रशासनिक दबाव था या फिर कोई पारिवारिक परेशानी। उनकी पत्नी के बयान के बाद कुछ जानकारी सामने आने की बात कही जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, आईजी पूरन कुमार पिछले डेढ़ वर्ष से सुर्खियों में थे। उन्होंने “वन ऑफिसर, वन हाउस” नीति के तहत शिकायत दी थी कि कई आईपीएस अधिकारियों ने एक से अधिक सरकारी आवास अपने नाम पर रखे हैं। इसके बाद उन्होंने तत्कालीन डीजीपी और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पर जातिगत भेदभाव के आरोप लगाते हुए आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। इन शिकायतों के बाद वे लगातार चर्चा में रहे और माना जा रहा है कि इसी वजह से वे प्रशासनिक दबाव में थे।
पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। अपने सख्त और ईमानदार छवि के कारण वे पुलिस महकमे में अलग पहचान रखते थे। उन्होंने अपने करियर में कई अहम पदों पर काम किया, जिनमें आईजीपी, रेंज आईजी और पुलिस ट्रेनिंग सेंटर सुनारिया का नेतृत्व शामिल है।
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उनकी अचानक मौत ने पूरे हरियाणा पुलिस विभाग को स्तब्ध कर दिया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे एक अनुशासित, कर्मठ और निडर अधिकारी थे। उनके आत्महत्या करने की वजहें क्या थीं, इसका पता लगाने के लिए चंडीगढ़ पुलिस विस्तृत जांच कर रही है।