तीन साल पहले हुए राज्यसभा के चुनाव को लेकर कार्तिकेय शर्मा और दीपेंद्र हुड्डा में विवाद (फोटो- सोशल मीडिया)
चंडीगढ़: हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर तीन साल पहले हुए राज्यसभा के चुनाव को लेकर निर्दलीय राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा और रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा आमने-सामने हो गए हैं। ये राज्यसभा चुनाव फिर से चर्चा में है। निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक इंटरव्यू ने पुराने जख्म फिर से हरे कर दिए हैं। उन्होंने कथित रूप से कहा कि कांग्रेस विधायकों ने उन्हें वोट दिया था, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। अब कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस बयान को लेकर हमला बोला है, जबकि कार्तिकेय ने सफाई देते हुए 2016 के स्याही कांड का जिक्र कर पलटवार किया है।
हाल ही में एक इंटरव्यू में कार्तिकेय शर्मा ने ये कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस विधायकों किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई ने उन्हें वोट दिए थे। कार्तिकेय द्वारा इस स्वीकारोक्ति के बाद राजनीतिक गलियारों में बवाल मच गया। कार्तिकेय शर्मा ने पहले दावा किया था कि उन्हें कांग्रेस की किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई जैसे विधायकों ने वोट दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने ये बात अजय माकन के बयान के आधार पर कही थी। दीपेंद्र हुड्डा ने इस बयान का वीडियो शेयर कर लिखा कि कांग्रेस तभी से कह रही थी कि पार्टी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। कार्तिकेय के बयान से अब वह बात साबित हो रही है।
2016 के स्याही कांड का उठा मुद्दा
कार्तिकेय ने जवाब में 2016 के राज्यसभा चुनाव की याद दिलाई, जब पेन की स्याही बदलकर कांग्रेस उम्मीदवार को हराने का आरोप लगा था। उन्होंने कहा कि उस समय भी कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी और भाजपा समर्थित उम्मीदवार को जीत मिली थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर दीपेंद्र “सत्यमेव जयते” की बात कर रहे हैं, तो उस चुनाव को लेकर भी सफाई देनी चाहिए।
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विवाद की जड़: कौन कह रहा है सच?
कार्तिकेय ने कहा कि वह सिर्फ अजय माकन की कही बात दोहरा रहे थे। उन्होंने खुद कभी नहीं कहा कि किसी ने उन्हें वोट दिया। यह स्पष्ट करना संबंधित विधायक या कांग्रेस पार्टी का काम है। इस बयान के बाद कांग्रेस फिर से 2022 की हार के लिए अपने ही नेताओं पर सवाल उठाने लगी है।