कुमार सैलजा, राहुल गांधी, भूपेंद्र हुड्डा (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः हरियाणा कांग्रेस ने संगठन के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए सोमवार को प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में केसी वेणुगोपाल और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ जिलाध्यक्षों की सूचनी पर वन टू वन चर्चा करेंगे। इन बैठकों में राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं।
हरियाणा कांग्रेस में आपसी गुटबाजी की वजह से दशकों से पार्टी बिना संगठन के चल रही है। इसके लिए कई बार प्रयास किए गए, लेकिन प्रदेश नेतृत्व की जिद के सामने शीर्ष नेतृत्व फैसला टालता रहा, लेकिन अब कांग्रेस नेतृत्व हर हाल में संगठन का गठन करना चाहता है। इसके लिए राहुल गांधी ने हरियाणा के 22 जिलों में 22 पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे। नेताओं ने कार्यकर्ताओं से बातचीत कर, जिन नेताओं ने जिलाध्यक्ष के पद पर दावेदारी ठोकी हैं। उनकी लिस्ट कांग्रेस प्रभारी को भेज दी है।
जिलाध्यक्षों की आज होगी छंटनी
आज इसी लिस्ट पर शीर्ष नेतृत्व हरियाणा के नेताओं से वन टू वन मीटिंग कर छंटनी करेगा। इसके बाद फाइनल लिस्ट राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे भेजी जाएगी। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद प्रदेशाध्यक्ष व सीएलपी लीडर पर फैसला होगा। वर्तमान में हरियाणा कांग्रेस की कमान उदभान के हाथों में है। उदयभान का कार्यकाल खत्म हो गया है। उदयभान भूपेंद्र हुड्डा गुट के नेता हैं। वहीं सीएलपी लीडर अभी तक हरियाणा में कोई नहीं है।
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कुछ नेता लिस्ट जारी किए जाने के पक्ष में नहीं
वहीं प्रदेश कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता हैं, जो प्रदेशाध्यक्ष से पहले जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के पक्ष में नहीं है। उनकी दलील है कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पहले होगी तो प्रदेशाध्यक्ष का कंट्रोल जिलाध्यक्षों पर नहीं रहेगा। इसके पीछे की राजनीति मन पसंद जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाने को लेकर है। क्योंकि प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद वह अपने मन पसंद के नेता का नाम जिलाध्यक्ष के लिए बढ़ा सकता है।
इन नेताओं को बुलाया गया दिल्ली
हरियाणा के जिन नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है, उसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके अलावा कुछ वरिष्ठ सांसद भी बुलाए गए हैं, जिसमें दीपेंद्र हुड्डा व अंबाला सांसद वरुण चौधरी हो सकते हैं।