अमेरिका से लौटे अंबाला के हरजिंदर की दर्दनाक स्टोरी (फोटो- सोशल मीडिया)
US Deport Indian Story: अमेरिका में सुनहरे भविष्य का सपना देखकर गए 50 भारतीयों की उम्मीदें चकनाचूर हो गईं। ट्रंप सरकार ने हरियाणा के छह युवकों समेत 50 भारतीयों को वापस भारत भेज दिया (डिपोर्ट कर दिया) है। इनमें अंबाला के जागोली गांव के हरजिंदर सिंह भी हैं, जिन्होंने 35 लाख रुपये खर्च किए थे। हरजिंदर ने अपनी दर्दनाक वापसी की कहानी बयां की है, जिसमें 25 घंटे तक बेड़ियों में जकड़े रहने का खौफनाक अनुभव भी शामिल है।
हरजिंदर सिंह अपने माता-पिता की मेहनत की कमाई, करीब 35 लाख रुपये, खर्च करके फ्लोरिडा के जैक्सन वेल में रसोइए (कुक) की नौकरी करने गए थे। उन्हें पूरा विश्वास था कि वहां जाकर वह अपने परिवार के लिए एक सुखद भविष्य बना लेंगे, लेकिन उनकी सारी उम्मीदें और सपने वहीं टूटकर रह गए। हरजिंदर ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद उन्हें और अन्य भारतीयों को पकड़कर देश से बाहर कर दिया गया।
हरजिंदर ने जो बताया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उन्होंने कहा कि डिपोर्ट करने से पहले उन्हें और बाकी सभी भारतीयों को करीब 25 घंटे तक लोहे की बेड़ियों में जकड़कर रखा गया। यह बर्ताव बेहद अमानवीय था। हरजिंदर ने बताया कि 25 घंटे तक लगातार बेड़ियों में रहने के कारण उनके पैरों में सूजन आ गई। इस सलूक ने हरजिंदर और उनके जैसे कई युवाओं के लिए अमेरिका के सपने को एक खौफनाक याद में बदल दिया है। उन्होंने इस अमानवीय व्यवहार की निंदा की और कहा कि यह एक बड़ी सीख है कि अपना सब कुछ खोकर भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
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हरजिंदर ने सवाल उठाया कि आखिर युवा अपना घर-परिवार छोड़कर क्यों विदेश जाते हैं? उन्होंने कहा कि यह दर्द वही समझ सकता है जिसकी मेहनत की कमाई और उम्मीदें दोनों बर्बाद हो जाएं। उन्होंने सरकार से भावुक अपील की है कि अगर हिंदुस्तान में ही युवाओं के लिए पर्याप्त और अच्छा काम उपलब्ध हो जाए, तो कोई भी मजबूरी में अपना देश नहीं छोड़ना चाहेगा। हरजिंदर ने कहा कि बेरोजगारी की वजह से आज लाखों युवाओं को अपने घर और परिवार से दूर जाना पड़ता है, लेकिन विदेशों में भी उन्हें सिर्फ अपमान और परेशानी का ही सामना करना पड़ रहा है। अब वह सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि बेरोजगार युवाओं को अपने देश में ही अच्छे रोजगार के अवसर दिए जाएं।