मुंबई: उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन 16 दिसंबर 2024 को हुआ। उन्होंने अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को के अस्पताल में आखिरी सांस ली। 73 साल की उम्र में फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के कारण उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन करीब एक महीने पहले 26 नवंबर को उन्होंने मशहूर संतूर वादक राहुल शर्मा के साथ ह्यूस्टन के स्टैनफोर्ड सेंटर में परफॉर्म किया था। यह परफॉर्मेंस उनके जीवन की आखिरी परफॉर्मेंस बन गई। ह्यूस्टन के स्टेनफोर्ड सेंटर में राहुल शर्मा के साथ उनकी यह परफॉर्मेंस राहुल शर्मा के पिता और जाकिर हुसैन के सहयोगी रहे संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा की याद में आयोजित किया गया था।
हयूस्टन क्रॉनिकल डॉट कॉम की खबर के मुताबिक जाकिर हुसैन और राहुल शर्मा की जोड़ी ने इस शानदार कॉन्सर्ट को प्रस्तुत किया। यह कॉन्सर्ट पंडित शिवकुमार शर्मा की याद में था। ऐसे में इस कंसर्ट में पिता और बेटे की प्यार भरी कहानी पेश की गई थी। इस मौके पर राहुल शर्मा का साथ देते हुए उनके पिता के मित्र जाकिर हुसैन नजर आए और इन दोनों की जुगलबंदी ने वहां मौजूद दर्शकों का दिल जीत लिया। आपको बता दें कि राहुल शर्मा मशहूर संतूर वादक है और मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा के पुत्र हैं।
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जाकिर हुसैन ने निधन से पहले जो आखिरी पोस्ट की है वह अमेरिकी सड़क का एक वीडियो है जिसमें वह मौसम के खूबसूरत मोमेंट का अनुभव कर रहे हैं। लेकिन उससे पहले 25 नवंबर को उन्होंने एक और वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें वह राहुल शर्मा के साथ नजर आ रहे हैं और यह बता रहे हैं कि पंडित शिवकुमार शर्मा की याद में वह ह्यूस्टन के स्टैनफोर्ड केंद्र में क्लासिकल संगीत का एक कार्यक्रम आयोजित करने वाले हैं।
एक ही रात में 3 ग्रैमी पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय बने जाकिर हुसैन
जाकिर हुसैन ने दर्शक और श्रोताओं से वहां अपनी मौजूदगी दर्ज करने की अपील भी की। लेकिन कौन जानता था कि उनका यह कॉन्सर्ट आखिरी कॉन्सर्ट बन जाएगा जाकिर हुसैन को उनके तबला वादन के लिए पहचाना जाता है। साल 1998 में उन्हें पद्मश्री, साल 2002 में पद्मभूषण और साल 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया। इतना ही नहीं वह अपने जीवन काल में चार बार ग्रैमी अवार्ड पाने वाले भारतीय बन गए थे। 66वें ग्रैमी अवार्ड में एक ही रात में उन्होंने तीन पुरस्कार अपने नाम किया था और ऐसा करने वाले वह एकमात्र भारतीय कलाकार हैं।