Sky Force To 120 Bahadur Biopic Of 2025 (फोटो क्रेडिट-इंस्टाग्राम)
Sky Force To 120 Bahadur Biopic Of 2025: साल 2025 भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा, जहाँ बॉलीवुड ने व्यावसायिक सफलता के साथ-साथ सच्चाई की ताकत को भी बड़े पर्दे पर उतारा। इस साल कई फिल्में सच्ची घटनाओं, ऐतिहासिक व्यक्तियों और राष्ट्रीय नायकों की जीवन गाथाओं पर बनीं, जिन्होंने न सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन किया बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी कई रिकॉर्ड तोड़े।
पेश हैं साल 2025 की वो पाँच सबसे महत्वपूर्ण फिल्में, जो सच्ची घटनाओं पर आधारित थीं:
मराठा साम्राज्य की साहस और वीरता को पर्दे पर उतारती फिल्म ‘छावा’ (14 फरवरी) ब्लॉकबस्टर साबित हुई। शिवाजी सावंत के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका निभाई। रश्मिका मंदाना और अक्षय खन्ना के दमदार एक्टिंग के साथ, फिल्म ने मुगलों से संभाजी महाराज के संघर्ष और वीरता को भव्य युद्ध दृश्यों के साथ दिखाया।
साल की शुरुआत ‘इमरजेंसी’ (17 जनवरी) से हुई। कंगना रनौत के निर्देशन में बनी यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन और 1975-77 के आपातकाल पर आधारित थी। कंगना ने इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई और राजनीतिक ड्रामा के रूप में विवादों में रहने के बावजूद, इतिहास के उस काले दौर को दिखाने के लिए इसकी काफी सराहना हुई।
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सच्ची घटना पर बनी फिल्मों की लिस्ट में फरहान अख्तर की ‘120 बहादुर’ (21 नवंबर) सफल रही। फिल्म में फरहान अख्तर ने मेजर शैतान सिंह की भूमिका निभाई, जो 1962 के भारत-चीन युद्ध में रेजांग ला की लड़ाई में अद्वितीय बहादुरी दिखाते हुए शहीद हो गए थे। यह फिल्म राष्ट्र नायकों की वीरता को सलाम करने के लिए सराही गई।
अक्षय कुमार और वीर पहाड़िया स्टारर ‘स्काई फोर्स’ (24 जनवरी) 1965 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायुसेना के सरगोधा एयरबेस पर पहले हवाई हमले की सच्ची घटना पर आधारित थी। सारा अली खान और निमरत कौर के साथ, फिल्म ने वायुसेना के बहादुरों की वीरता को बखूबी पर्दे पर उतारा और दर्शकों की खूब सराहना मिली।
19वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित ‘फुले’ (25 अप्रैल) में प्रतीक गांधी और पत्रलेखा ने मुख्य भूमिका निभाई। फिल्म में जाति भेदभाव, महिलाओं की शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह के लिए उनके संघर्ष को दिखाया गया, जिसमें 1848 में भारत का पहला बालिका विद्यालय खोलने की कहानी भी शामिल थी।