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कंगना रनौत की इमरजेंसी क्यों हुई धराशायी? जानें फ्लॉप होने की 5 बड़ी वजहें!

कंगना रनौत की इमरजेंसी न बीजेपी समर्थकों को भा सकी, न कांग्रेस को संतुष्ट कर पाई। इंदिरा गांधी को महान नेता दिखाने और इमरजेंसी के अत्याचारों पर फोकस न करने से फिल्म विवादों और आलोचनाओं का शिकार हो गई।

  • By अदिति भंडारी
Updated On: Jan 22, 2025 | 08:42 AM

कंगना रनौत की इमरजेंसी क्यों हुई धराशायी? जानें फ्लॉप होने की 5 बड़ी वजहें! (सौ. सोशल मीडिया)

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मुंबई: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की तेजतर्रार सांसद कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म इमरजेंसी रिलीज के बाद से ही विवादों में है। यह फिल्म 1975-77 के दौरान लागू आपातकाल पर आधारित है, लेकिन इसके प्रस्तुतिकरण ने न तो बीजेपी समर्थकों को संतुष्ट किया और न ही कांग्रेस को प्रभावित किया।

राजनीतिक दृष्टिकोण और ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित इस फिल्म से जनता को बड़े खुलासों और गहराई से शोधित कहानी की उम्मीद थी, लेकिन कहानी ने दर्शकों को उलझन में डाल दिया। आइए जानते है 5 करण जिसने फिल्म को फ्लॉप बनाया।

उम्मीद के उलट कहानी

फिल्म का नाम इमरजेंसी है, जिससे यह स्पष्ट पता चलता है कि यह आपातकाल के दौरान हुए अत्याचारों और लोकतंत्र पर किए गए प्रहार को केंद्र में रखेगी। खासतौर पर बीजेपी समर्थकों को यह उम्मीद थी कि यह फिल्म उनके दृष्टिकोण को मजबूत करेगी, क्योंकि पार्टी पिछले कई वर्षों से आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय के रूप में प्रस्तुत करती रही है।

लेकिन फिल्म की कहानी ने उम्मीदों को झटका दिया। फिल्म इमरजेंसी को सिर्फ एक बैकग्राउंड की तरह इस्तेमाल करती है और इसका मुख्य फोकस इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व और उनके साहसिक निर्णयों पर है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक महान नेता के रूप में पेश किया गया है, जो कठिन परिस्थितियों में भी साहसिक फैसले लेने से नहीं हिचकिचाईं।

इंदिरा गांधी को बताया महान

इंदिरा गांधी को महान नेता के रूप में चित्रण फिल्म की कहानी का केंद्र इंदिरा गांधी हैं, जो अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा में कई चुनौतियों का सामना करती हैं।

फिल्म में एक दृश्य दिखाया गया है जहां पंडित नेहरू चीन के साथ युद्ध में हार की आशंका से हताश हो जाते हैं। लेकिन इंदिरा गांधी असम जाती हैं और जनता को भरोसा दिलाती हैं कि उनका राज्य भारत का हिस्सा बना रहेगा। इंदिरा गांधी को बांग्लादेश युद्ध से पहले अटल बिहारी वाजपेयी से सलाह लेते हुए दिखाया गया है, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि वह तानाशाही प्रवृत्ति की नहीं थीं और सभी नेताओं को साथ लेकर चलती थीं।

फिल्म यह दर्शाती है कि इमरजेंसी लागू करने का असली कारण उनके बेटे संजय गांधी थे। इंदिरा गांधी को इसमें सहानुभूतिपूर्ण दिखाया गया है, जो अंततः अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर इमरजेंसी समाप्त करती हैं।

बीजेपी समर्थकों की नाराजगी

बीजेपी समर्थकों के लिए यह फिल्म निराशाजनक रही। उन्होंने उम्मीद की थी कि यह आपातकाल के अत्याचारों को उजागर करेगी और इंदिरा गांधी की आलोचना करेगी। इसके बजाय, फिल्म इंदिरा गांधी को एक महान नेता के रूप में दिखाती है, जिनके साहसिक फैसले देश के हित में थे। बीजेपी समर्थकों को यह फिल्म “गए थे रोजा छुड़ाने, नमाज गले पड़ गई” जैसी लगती है।

कांग्रेस भी संतुष्ट नहीं

जहां बीजेपी समर्थकों ने इसे इंदिरा गांधी का महिमामंडन माना, वहीं कांग्रेस ने भी इसे सराहने से इनकार कर दिया। कांग्रेस नेताओं को फिल्म में इंदिरा गांधी के बचपन और व्यक्तित्व से जुड़ी बातों पर आपत्ति है। फिल्म में इंदिरा गांधी को खुद अपने आपको इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा कहते हुए देखाया गया है। कांग्रेस इस धर्म संकट में भी है कि बीजेपी सांसद की बनाई फिल्म की तारीफ वो क्यों करें?

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कंगना की चुनौती

कंगना रनौत ने इमरजेंसी जैसी संवेदनशील विषय पर फिल्म बनाकर एक साहसिक कदम उठाया, लेकिन फिल्म की कहानी ने दोनों पक्षों को असंतुष्ट कर दिया। न तो यह बीजेपी के विचारों का समर्थन करती है और न ही कांग्रेस के नजरिए को पूरी तरह सही ठहराती है। इसके चलते यह फिल्म दर्शकों और राजनीतिक हलकों में आलोचना का शिकार हो गई है।

Why did kangana ranaut emergency flop know 5 big reasons

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Published On: Jan 22, 2025 | 08:42 AM

Topics:  

  • Kangna Ranaut

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