स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने विनोद खन्ना को लेकर किया चौंकाने वाला खुलासा
Vinod Khanna And Amitabh Bachchan: अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना बॉलीवुड के 2 ऐसे सितारे हैं जिनकी बुलंदी की चर्चाओं से 70 के दशक के अखबार और मैगजीन भरी रहती थी। दोनों की शोहरत टक्कर की थी। लेकिन शोहरत की रेस में अमिताभ बच्चन आगे निकल गए क्योंकि विनोद खन्ना ने मैदान ही छोड़ दिया था। वह ओशो के अनुयाई बन गए थे। अब ओशो के भाई स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने विनोद खन्ना को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है।
स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने गलाटा इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में बताया, मैं जानता हूं कि विनोद खन्ना किस दौर से गुजर रहे थे? उन पर क्या बीत रही थी? लोग सोचते हैं एक सफल व्यक्ति हर तरह से सफल होता है, लेकिन ऐसा नहीं है, हो सकता है कि वह भी बहुत कुछ झेल रहा हो जिसके बारे में सिर्फ वही जानता हो।
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बातचीत के दौरान स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने बताया कि जब ओशो के आश्रम में 1975 में जब विनोद खन्ना पहुंचे थे तो वह अक्सर रोते रहते थे। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह अपनी पत्नी और बच्चों को मिस कर रहे हैं। लेकिन ओशो को किसी और बात का शक था। ओशो को शक था कि विनोद खन्ना अमिताभ बच्चन की सफलता से जलने लगे हैं और इसी वजह से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दिया। जिसके बाद अमिताभ बच्चन सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।
स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने बताया कि ओशो ने उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ कंपीट करने की सलाह दी थी। चाहे फिल्म हो या फिर राजनीति का मैदान, ओशो ने उन्हें विरोधी पार्टी ज्वाइन करने की भी सलाह दी थी। तब उन्होंने ओशो को बताया था कि मुझे राजनीति से कोई लेना-देना नहीं। मुझे बस परिवार की याद आती है, लेकिन तब ओशो ने कहा था कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, जिसकी तुम बात कर रहे हो यह सतह की भावनाएं हैं। तुम्हें बच्चों की और परिवार की याद नहीं आती, बल्कि तुम अमिताभ बच्चन से जल रहे हो तुम्हें उनके खिलाफ लड़ना चाहिए।
स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने आगे बताया कि ओशो की बात सच थी। भारत लौटने के बाद विनोद खन्ना ने अपने परिवार से संपर्क तक नहीं किया। शैलेंद्र सरस्वती बोले कि बाद में विनोद खन्ना ने कहा कि ओशो सही कह रहे थे, मैं अपनी पत्नी या बच्चों से जुदा होकर परेशान नहीं था। विनोद खन्ना ने भारत वापस लौटने के बाद सक्रिय राजनीति में भी हिस्सा लिया। वह 5 साल तक ओशो के आश्रम में रहे थे। उसके बाद उन्होंने भारत वापसी की और लंबे समय के बाद फिल्मों में भी वापसी की। लेकिन वह बुलंदी के उस शिखर तक वापस नहीं पहुंच पाए जिस बुलंदी को उन्होंने आधे रास्ते में छोड़कर संन्यास लेने का फैसला किया था।