उदयपुर फाइल्स (फोटो-सोर्स, सोशल मीडिया)
Udaipur Files Controversy: राजस्थान के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज को लेकर कानूनी पेच फंसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस फिल्म की रिलीज पर रोक बरकरार रखी है। इसके साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पांच सदस्यीय जांच समिति ने फिल्म में कुल छह बड़े बदलाव करने के सुझाव दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ताओं को जांच समिति के इन सुझावों की कॉपी सौंपे। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तारीख तय की गई है। तब तक यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज नहीं की जा सकेगी।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर गठित समिति ने फिल्म में कई महत्वपूर्ण कट और बदलाव सुझाए हैं। इनमें फिल्म के डिस्क्लेमर में संशोधन, कुछ वॉयसओवर जोड़ने और क्रेडिट फ्रेम हटाने की सिफारिश की गई है।
इसके अलावा फिल्म में सऊदी अरब की पगड़ी से जुड़ा एक एआई जनरेटेड सीन है, जिसे बदलने की बात कही गई है। साथ ही नूपुर शर्मा के प्रतीकात्मक नाम ‘नूतन शर्मा’ को हटाकर कोई और नाम इस्तेमाल करने और उनका डायलॉग “मैंने तो वही कहा है जो उनके धर्म ग्रंथों में लिखा है” भी हटाने का सुझाव दिया गया है।
फिल्म में बलूची समुदाय से संबंधित कुछ संवादों को भी आपत्तिजनक माना गया है। जैसे “हाफिज, बलूची कभी वफादार नहीं होता”, “मकबूल बलूची की… क्या बलूची, क्या अफगानी, क्या हिंदुस्तानी, क्या पाकिस्तानी” इन डायलॉग्स को हटाने को कहा गया है।
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‘उदयपुर फाइल्स’ 2022 में दर्जी कन्हैयालाल की जघन्य हत्या की कहानी पर आधारित है। फिल्म में विजय राज, रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे।
यह फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी, लेकिन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि फिल्म का कंटेंट सांप्रदायिक तनाव भड़का सकता है।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की रोक और सेंसर बोर्ड के सुझावों के चलते फिल्म की रिलीज अधर में लटकी हुई है। अब सबकी नजर 24 जुलाई की सुनवाई पर टिकी है, जहां फिल्म के भविष्य पर कोई बड़ा फैसला आ सकता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)