पीयूष मिश्रा (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: अपने गीतों, कविताओं और एक्टिंग से फिल्म जगत में अपना नाम बनाने वाले पीयूष मिश्रा आज अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं। पीयूष मिश्रा का जन्म 13 जनवरी 1963 को ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता प्रताप कुमार शर्मा अपर डिवीजन रैंक के क्लर्क थे, लेकिन बहन को कोई संतान नहीं था। इसके चलते पियूष के पिता ने उन्हें अपनी बहन तारादेवी मिश्रा को गोद दे दिया था।
पीयूष का बचपन में फिजिक्स और केमिस्ट्री की पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। बचपन में तो वो स्कूली पढ़ाई समझकर आए-बलाए इसे पढ़ लिया करते थे। हालांकि, साल 1999 में एक प्ले में पीयूष को अल्बर्ट आइंस्टाइन का रोल प्ले करने का मौका मिला तब उन्हें समझ आया कि फिजिक्स कितनी जरूरी है और तभी उन्हें फिजिक्स के नियम भी समझ आए।
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पीयूष अपने बचपन से हमेशा निराश थे। ‘द बेटर इंडिया’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके बचपन में या तो वो मर जाना चाहते थे या लोग जो कहते थे वो करना चाहते थे या फिर अपने गुस्से को इकट्ठा करके कुछ अलग करना चाहते थे। हुआ भी कुछ ऐसा ही महज 8वीं की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अपने गुस्से को एक कविता में उतार दिया। जिसके शब्द लोगों के दिलों में बैठ गए। वो कविता ‘जिंदा हो तुम हां कोई शक नहीं, सांस लेते हुए देखा मैंने भी है’ थी।
पीयूष का नाम पहले प्रियकांत शर्मा था। यह नाम उनकी फैमिली ने रखा था। कहा जाता है कि तारादेवी से पीयूष के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे। ऐसे में पीयूष को अपना नाम बदलवाना था, तो करीब 10वीं क्लास में ही उन्होंने अपना नाम बदलने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एफिट डेबिट दे दिया। जिसके बाद अदालत ने उनका नाम चेंज कर दिया। उस दिन के बाद से प्रियकांत, पीयूष मिश्रा बन गया था।
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