परेश रावल (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता परेश रावल इन दिनों अपनी चर्चित फिल्म ‘हेरा फेरी 3’ को लेकर सुर्खियों में हैं। इस फिल्म में वह एक बार फिर अपने यादगार किरदार ‘बाबूराव गणपतराव आप्टे’ में नजर आएंगे। उन्होंने हाल ही में एक पॉडकास्ट में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने जहां फिल्म के तीसरे पार्ट की पुष्टि की, वहीं मौजूदा सिनेमा व्यवस्था पर भी तीखे सवाल उठाए।
दरअसल, एक पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए परेश रावल ने कहा कि आज हिंदी फिल्मों की टिकट दरें इतनी ज्यादा हो गई हैं कि आम आदमी सिनेमा से दूर होता जा रहा है। उन्होंने साउथ फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां टिकट की कीमतें आम तौर पर 200 रुपये से ज्यादा नहीं होतीं, जिससे हर वर्ग के लोग फिल्म का आनंद ले सकते हैं।
परेश रावल ने मंहगी टिकट प्राइस पर उठाया सवाल
परेश ने सवाल उठाया, “अगर आपकी फिल्में सिर्फ अमीर वर्ग देखे और आम जनता टिकट की कीमतों के चलते थिएटर न आ पाए तो क्या फायदा?” उन्होंने कहा कि अगर एक मिडिल क्लास फैमली के लोग एकसाथ फिल्म देखने जाते हैं, तो उन्हें 5000-6000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं और ये भी तय नहीं होता कि फिल्म अच्छी ही होगी।
बात यहीं खत्म नहीं हुई, परेश रावल ने मल्टीप्लेक्स की बैठने की शैली और उसमें मिलने वाली सुविधाओं को लेकर भी तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, “फिल्म देखने आए हैं या स्पा में रिलैक्स करने? लोग तकिए लेकर आ जाते हैं और रिक्लाइनर सीट पर लेट जाते हैं, लेकिन फिल्म तो बैठकर देखी जाती है, लेटकर नहीं!”
ये भी पढ़े- ‘ऊ अंटावां’ की धुन तुर्की में हुई चोरी! कंपोजर ने सिंगर पर लगाया कॉपी का आरोप
फिल्म देखने आए हैं मुजरा नहीं
उन्होंने आगे कहा, “वेटर लगातार इधर-उधर घूमते रहते हैं, जैसे कोई शादी का फंक्शन हो। पॉपकॉर्न, कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजें थमा-थमा कर मूवी का मजा ही खत्म कर देते हैं। हमें कहना पड़ता है ‘हट हट’, भाई ये कोई मुजरा नहीं हो रहा, फिल्म चल रही है।”
आखिर में परेश रावल ने यही कहा कि थिएटर का असली मजा तभी है जब लोग सहजता से बैठकर फिल्म देखें, न कि उसे आलीशान सुविधा बनाकर असली उद्देश्य से भटक जाएं।