नागार्जुन, रजनीकांत और चिरंजीवी (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
मुंबई: साउथ फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता नागार्जुन ने अपने करियर में कई यादगार और आइकॉनिक रोल निभाए हैं, लेकिन कुछ फिल्मों को उन्होंने स्क्रिप्ट या डेट्स के कारण मना कर दिया था और वही फिल्में बाद में ब्लॉकबस्टर बन गईं। इन फिल्मों ने न सिर्फ बाकी स्टार्स के करियर को ऊंचाई दी, बल्कि साउथ सिनेमा की पहचान भी बन गईं।
मौना रागम (1986)
मणिरत्नम की इस कल्ट क्लासिक को सबसे पहले नागार्जुन को ऑफर किया गया था। लेकिन उन्होंने इस फिल्म को ठुकरा दिया क्योंकि उन्हें लगा कि उनका रोल कुछ खास नहीं है। बाद में यह रोल रेवती और मोहन को मिला और फिल्म ने तमिल सिनेमा में इतिहास रच दिया।
थलापति (1991)
रजनीकांत और ममूटी स्टारर इस फिल्म को पहले नागार्जुन को ऑफर किया गया था, लेकिन उस समय वह किसी और प्रोजेक्ट में बिजी थे। उन्होंने डेट्स न मिलने के कारण यह फिल्म छोड़ दी और फिर यह रजनीकांत की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बन गई।
कलीसुन्दम रा (2000)
इस फैमिली ड्रामा में नागार्जुन को मुख्य भूमिका दी जानी थी, लेकिन उन्होंने स्क्रिप्ट में कुछ बदलावों की मांग की थी, जो स्वीकार नहीं हुई। बाद में यह रोल वेंकटेश को मिला और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया।
मैकेनिक अल्लुडु (1993)
इस एक्शन-कॉमेडी फिल्म में भी नागार्जुन को पहले कास्ट किया गया था, लेकिन उन्हें अपनी भूमिका में दम नहीं लगा। बाद में फिल्म चिरंजीवी को मिली और उन्होंने इस रोल को यादगार बना दिया।
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बद्री (2000)
पवन कल्याण की इस सुपरहिट फिल्म को भी पहले नागार्जुन से ऑफर किया गया था। उन्होंने स्क्रिप्ट में दिलचस्पी न लेते हुए इस प्रोजेक्ट से किनारा कर लिया। यही फिल्म पवन कल्याण के करियर की टर्निंग पॉइंट साबित हुई।
बता दें, अब साल 2025 में नागार्जुन मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘कुबेरा’ के जरिए शानदार वापसी किए हैं। इस फिल्म में उनका लुक और किरदार दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है। 20 जून 2025 को रिलीज हुई यह फिल्म नागार्जुन के फैंस के लिए बेहद खास है।