किन्नर अखाड़े से निष्कासित हुई ममता कुलकर्णी
Mamta Kulkarni: आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत करने भारत पहुंची ममता कुलकर्णी 25 साल के बाद भारत वापस आई थी। उन्होंने बताया था कि महाकुंभ के मौके पर वह अपने अध्यात्म के सफर को आगे बढ़ाने भारत वापस आई है। बॉलीवुड वापसी का उनका कोई इरादा नहीं है। महाकुंभ के मौके पर उन्होंने प्रयागराज पहुंचकर आस्था के डुबकी लगाई तो किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर के पद पर बिठा दिया। लेकिन उनके महामंडलेश्वर बनते ही विवाद शुरू हो गया। कहा जाने लगा कि एक स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं उनके पुराने मामले को भी इसके साथ जोड़कर देखा जाने लगा।
ममता कुलकर्णी एक हफ्ते पहले महाकुंभ में प्रयागराज पहुंची। जहां उन्होंने पिंडदान किया और संन्यास लेने का ऐलान किया। इसके बाद उनका पट्टाभिषेक भी कराया गया। उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया। उनका नया नाम यामाई ममता नंद गिरी भी रख दिया गया। 7 दिनों तक वो महाकुंभ में रही। लेकिन इसको लेकर जब विवाद छिड़ा तो किन्नर अखाड़े ने उन्हें पद से निष्कासित कर दिया है।
Rishi Ajay Das, founder of Kinnar Akhara, expels Mamta Kulkarni from the Akhara. He has also expelled Mahamandaleshwar Laxminarayan Tripathi from the Kinnar Akhara for inducting Mamta Kulkarni, who is accused of treason, to the Akhara and designating her as Mahamandaleshwar… pic.twitter.com/Hhzezst49r — ANI (@ANI) January 31, 2025
ये भी पढ़ें- शाहिद कपूर के धांसू परफॉर्मेंस से खुश हुए दर्शक, बोले- पैसा वसूल है फिल्म
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने किन्नर अखाड़े से ममता कुलकर्णी को निष्कासित किया है। इसके साथ ही आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी निष्कासित किया गया है। कहा यह गया कि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया और उनकी जानकारी के बिना उन्हें महामंडलेश्वर बनाया गया। किन्नर अखाड़े की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि 7 दिन के भीतर ही ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से निष्कासित कर दिया गया है।