ममता कुलकर्णी फिर से किन्नर खड़ी की महामंडलेश्वर बन गई हैं
Mamta Kulkarni: ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद मामला विवादों में घिर गया था। महिला होने के बावजूद उनके किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनने पर आपत्ति जताई गई थी। महाकुंभ के दौरान उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया, लेकिन एक हफ्ते बाद उन्हें इस पद से निष्कासित कर दिया गया। कुछ दिनों के बाद ममता कुलकर्णी ने खुद अपने पद से इस्तीफा दे दिया और इस्तीफा देने के दो दिन बाद वह फिर से महामंडलेश्वर बन गई हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
24 जनवरी को ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था। किन्नर अखाड़े की लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें इस पदवी से नवाजा था। लेकिन 7 दिनों बाद किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके ममता कुलकर्णी को निष्कासित किए जाने की जानकारी पेश की थी। इसके बाद खुद ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दिया था और अब दो दिन बाद वह फिर से उस पद पर बहाल हो गई हैं। हालांकि अब मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ममता कुलकर्णी ने बताया है कि गुरु डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। दैनिक भास्कर से बात करते हुए लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर थी, हैं और आगे भी रहेंगी।
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ममता कुलकर्णी ने अपने बयान में बताया है कि उन्होंने 25 साल तक तपस्या की है और उन्हें 25 साल चंडी की आराधना का फल मिला है। इस्तीफा देते वक्त ममता कुलकर्णी ने बताया था कि वह 25 साल से साध्वी का जीवन बिता रही हैं और आगे भी साध्वी बनी रहेंगी। किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद पर फिर से आसीन होने के बाद ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की तरफ से बयान सामने आया है, लेकिन अब देखना यह होगा कि इस मामले पर किन्नर अखाड़े के संस्थापक की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है।