कुणाल खेमू (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Kunal Khemu OTT Series: ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के दौर में जहां हर हफ्ते नई वेब सीरीज और फिल्में रिलीज हो रही हैं, दर्शकों का ध्यान खींचना पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। खासकर कॉमेडी के क्षेत्र में, क्योंकि हंसी केवल दिखावा नहीं बन सकती। इसी बात को अभिनेता कुणाल खेमू ने आईएएनएस से बातचीत में साझा किया।
हाल ही में नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज ‘सिंगल पापा’ को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है। इस मौके पर कुणाल ने कॉमेडी, अभिनय, लेखन और निर्देशन के अपने अनुभवों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि कॉमेडी की सबसे बड़ी खूबी इसकी ईमानदारी में है, क्योंकि हंसी को नकली तरीके से पेश नहीं किया जा सकता।
कुणाल ने बताया कि उनकी निर्देशित फिल्म ‘मडगांव एक्सप्रेस’ उनके करियर में एक अहम मोड़ रही। उन्होंने साल 2015 में फिल्म की कहानी लिखी थी, उस वक्त उनका इरादा केवल कहानी कहने का था और उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि इसे वे खुद डायरेक्ट करेंगे। “करीब सात साल बाद जब किसी ने मेरी कहानी पढ़ी और प्रोड्यूसर्स ने इसे फिल्म बनाने की पेशकश की, तो मैंने बिना ज्यादा सोच के हां कर दी।”
कुणाल का मानना है कि सफलता केवल मेहनत से नहीं आती, बल्कि सही समय और सही लोगों का साथ भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक अभिनेता के लिए असली काम सिर्फ अभिनय करना नहीं है, बल्कि धैर्य रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
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फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के अनुभव को याद करते हुए कुणाल ने बताया कि पहले स्क्रीन पर वीडियो चलते समय हॉल में सन्नाटा था और वह घबरा गए थे। लेकिन जैसे ही ट्रेलर खत्म हुआ, पूरी जगह तालियों और हंसी से गूंज उठी। यह पल उनके लिए बेहद खास था।
कुणाल खेमू ने आगे कहा, “कॉमेडी का असर बिलकुल लाइव परफॉर्मेंस जैसा होता है। या तो लोग दिल से हंसते हैं या बिल्कुल नहीं। जब कॉमेडी काम कर जाती है, तो उसकी खुशी किसी भी तारीफ से बड़ी होती है।” कुणाल खेमू का यह सफर दर्शाता है कि सही समय, मेहनत और धैर्य से किसी भी प्रोजेक्ट को सफलता दिलाई जा सकती है। उनकी यह सीख आने वाले कलाकारों के लिए प्रेरणादायक है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)