इडली कढ़ाई रिव्यू: दर्शकों को भावुक कर देगी धनुष और नित्या मेनन की एक्टिंग
Idly Kadai Movie Review: इडली कढ़ाई एक ऐसी फिल्म है जो सच्चे प्यार और जीवन के संघर्षों को सादगी के साथ प्रस्तुत करती है। इसकी मजबूती कहानी की भावनात्मक जड़, ग्रामीण जीवन, कलाकारों का दमदार अभिनय और संगीत के हाथ में है। जहां यह फिल्म कई दृष्टिकोण से काम करती है, वहीं इसकी कहानी के रफ्तार की कमी और प्रेम कहानी के पुराने अंदाज की वजह से कहानी पूरी तरह से नयी नहीं लगती।
दर्शकों और समीक्षकों की प्रतिक्रिया देखते हुए कहा जा सकता है कि यह फिल्म “बहुत बड़ी ब्लॉकबस्टर” तो नहीं होगी, लेकिन एक सफल फिल्म ज़रूर बन सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें सरल, भावनात्मक और ग्रामीण जीवन की कहानियां पसंद हैं।
रिलीज़ के बाद फिल्म इडली कढ़ाई को मिली प्रतिक्रिया मिलेजुले स्वर की रही है। जहां कुछ हिस्से बहुत पसंद किए गए, वहीं कुछ आलोचनाएँ भी सामने आई हैं।
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1) फर्स्ट हाफ
सोशल मीडिया रिव्यूज़ में कहा गया है कि फिल्म का पहला भाग बहुत अच्छी तरह काम करता है — भावनाएँ, गाँव की सेटिंग, परिवार और पहचान की जड़ों का विषय दर्शकों को प्रभावित कर रहा है।
2) फैमिली इंटरटेनर
फिल्म को फैमिली इंटरटेनर कहा जा रहा है, जो पारिवारिक रिश्ते, गाँव-सामाजिक जीवन और सरल संघर्षों को भावनात्मक रूप से प्रस्तुत करती है।
3) कलाकारों का प्रदर्शन
धनुष, नीता मेनन और अन्य कलाकारों की भूमिका और उनकी अभिनय क्षमता की प्रशंसा हो रही है। विशेषत: धनुष के “rooted” किरदार और गाँव से जुड़ी जीवन शैली में उनका सहजपन दर्शकों के बीच अच्छा जैविक संबंध बनाता है।
4) म्यूजिक
G. V. Prakash का संगीत समर्थन करने वाला बताया जा रहा है, जो कहानी के भावनात्मक पहलुओं को बढ़ाता है। सेटिंग, छायांकन और ग्रामीण दृश्यों की प्रस्तुति अच्छी लग रही है।
1) कहानी Predictable है
कई रिव्यूज़र यह कह रहे हैं कि जबकि फिल्म की शुरुआत दिलचस्प है, मध्य और बाद के हिस्से में कहानी बहुत सामान्य मोड़ों पर चली जाती है। दर्शक कुछ जगहों पर “यह वही हुआ जिसे मैंने सोचा था” जैसी भावना व्यक्त कर रहे हैं।
2) गति (Pacing) की समस्या
कुछ रिव्यूज़ में यह भी कहा गया है कि कहानी के बीच-बीच में गति धीमी महसूस होती है — विशेषकर दूसरे हिस्से में जहाँ संघर्ष और क्लाइमेक्स की ओर बढ़ते हुए तथाकथित ‘hero vs villain’ ढाँचा स्पष्ट हो जाता है।
3) अपेक्षाएं पूरी होने का दबाव
क्योंकि यह धनुष की निर्देशन में एक बड़ी फिल्म है और एक बड़े कलाकारों की टीम है, दर्शकों की अपेक्षाएँ भी ऊँची थीं। उन अपेक्षाओं को पूरी तरह से पार नहीं कर पाना भी आलोचनाओं में शामिल है।