दलेर मेहंदी (फोटो-सोशल मीडिया)
Daler Mehndi Birthday Special Story: पंजाबी संगीत की दुनिया में जब भी इंडी पॉप और भांगड़ा की बात होती है, तो सबसे पहला नाम दलेर मेहंदी का लिया जाता है। दलेर मेहंदी का जन्म 18 अगस्त 1967 को पटियाला, पंजाब में हुआ था। दलेर मेहंदी आज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपनी अनोखी गायकी, ऊर्जावान अंदाज और ‘तुनक तुनक तुन’ जैसे गानों के जरिए उन्होंने भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पहचान बनाई।
सिंगिंग के प्रति बचपन से निकम्मी लगन ने दुनिया से अलग पहचान दिलाई। गुरबानी और शास्त्रीय संगीत की तालीम प्राप्त करने के बावजूद वे विद्रोही स्वभाव के थे। उम्र केवल 11 साल की होती हुई उन्होंने घर छोड़कर लुधियाना को अपना रुख किया, जहां वे एक तबला वादक के साथ रहने लगे। यह उनके जीवन का ऐसा मोड़ था, जिसने संगीत की राह पर उन्हें सिंटरत स्थिरता से खड़ा कर दिया।
1990 के दशक में दलेर मेहंदी ने पंजाबी भांगड़ा को नए रंग और अंदाज में पेश किया। उनका एल्बम ‘बोलो तारा रा’ सुपरहिट साबित हुआ और फिर 1997 में आया ‘तुनक तुनक तुन’ जिसने उन्हें स्टारडम के शिखर पर पहुंचा दिया। यह गाना न सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुपरहिट हुआ। आज भी शादी-ब्याह और पार्टियों में यह गाना धूम मचाता है। लेकिन इस सफलता के पीछे काफी आलोचनाएं भी थीं।
एक डायरेक्टर ने कभी उन्हें घमंडी कह दिया था और उनके योगदान पर सवाल उठाए थे। लेकिन दलेर ने इसे नकारात्मक रूप से न लेते हुए इसे अपनी मेहनत से जवाब दिया और गाना इतिहास का हिस्सा बना दिया। उनकी प्रोफेशनल लाइफ जितनी ग्लैमरस रही, निजी लाइफ उतनी ही विवादों में गुजरी। साल 2003 में उन पर कबूतरबाजी का आरोप लगा और कुछ समय जेल में भी रहना पड़ा। हालांकि, बाद में उन्हें बरी कर दिया गया, लेकिन इस घटना ने उनकी रिप्यूट को हिला दिया।
ये भी पढ़ें- थिएटरों में बैन, एफआईआर और तोड़फोड़, 2025 में विवादों से घिरी रहीं ये फिल्में
दलेर मेहंदी ने फिर भी हार नहीं मानी और अपनी आवाज से एक बार फिर से बॉलीवुड व संगीत जगत में अपनी जगह बनाई। ‘रंग दे बसंती’ और ‘मिर्ज़या’ जैसी फिल्मों के गानों से उन्होंने खुद को साबित किया। आज दलेर मेहंदी सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि संगीत के ऐसे योद्धा हैं, जिन्होंने हर मुश्किल को पीछे छोड़ते हुए अपना अलग मुकाम बनाया।