
मुंबई: धर्मेंद्र, जीनत अमान, जितेंद्र और नीतू सिंह की 1977 में आई फिल्म धर्मवीर में बॉबी देओल भी चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर नजर आए थे। उन्होंने धर्मेंद्र के बचपन की भूमिका को निभाया था। बॉबी देओल ने एक इंटरव्यू के दौरान फिल्म से जुड़ा दिलचस्प किस्सा सुनाया है, बताया है कि किस तरह रातों-रात बॉबी देओल के कॉस्ट्यूम को बनाया गया और किस तरह से बॉबी देओल ने फिल्म में काम करने के लिए प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के सामने धर्मेंद्र से फीस मांग ली थी। तब धर्मेंद्र ने भी मजेदार जवाब दिया था, चलिए जानते हैं बॉबी देओल ने इस पर क्या कुछ कहा है।
इंडियन एक्सप्रेस केक प्रोग्राम में अपने फ़िल्मी करियर पर खुलकर बात करते हुए बॉबी देओल ने बताया कि उन्होंने धर्मेंद्र के साथ पहली बार धरम वीर नाम की फिल्म में काम किया था। पिता के बचपन का किरदार निभाने के लिए वह लोग 5-6 साल का एक लड़का ढूंढ रहे थे, जो दिखने में हेल्दी हो, लेकिन ऑडिशन के लिए जितने भी बच्चे आए, सभी कमजोर दिख रहे थे, तो ऐसे में धर्मेंद्र ने सोचा कि बॉबी देओल से यह रोल करा लिया जाए, तो उन्होंने मुझे आकर पूछा और मैंने झट से हां कर दिया। क्योंकि बचपन में कोई संकोच नहीं होता। आपको कोई डर नहीं होता। बस यही लगता है कि लाइफ कितनी खूबसूरत है।
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बॉबी देओल ने कहा फिर क्या था रातों-रात उनके लेदर की ब्लैक ड्रेस बनाई गई और अगले दिन मैं शूटिंग के लिए पहुंच गया। बॉबी देओल ने बताया कि सूट कंप्लीट होने के बाद मैंने पापा से पूछा कि मैं काम कर लिया है, अब मुझे मेरे पैसे चाहिए। जिस पर उन्होंने कहा हां मैं देता हूं, तू चुप कर। उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था क्योंकि फिल्म के प्रोड्यूसर और डायरेक्टर वहीं खड़े थे। इसके बाद बॉबी देओल कार में जाकर बैठ गए। जहां धर्मेंद्र ने उन्हें 10 हजार रुपए के नोट की गड्डी दी और कहा जाकर इसे दादी को दे दो और देखो की स्टाफ मेंबर में पूरा पैसा बांट दिया जाए। बॉबी देओल ने खुशी-खुशी पैसा जाकर दादी को दे दिया। दादी ने उस पैसे को काम करने वाले सभी स्टाफ को बांटा। मैं बहुत ज्यादा खुश था। खुशी के मारे मैंने घर के सारे हैंगर तोड़ दिए। फिल्म ने गोल्डन जुबली बनाई और मुझे अवॉर्ड फंक्शन में स्पेशल अवार्ड दिया गया था।






