आशीष विद्यार्थी (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Ashish Vidyarthi: बॉलीवुड की चमक-धमक भरी दुनिया के पीछे कई ऐसे कड़वे सच छिपे होते हैं, जिन पर बहुत कम लोग बात करते हैं। दिग्गज एक्टर आशीष विद्यार्थी ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री की शोक सभाओं और वहां के माहौल को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
उन्होंने बताया कि किस तरह से प्रेयर मीट में शोक के बजाय नेटवर्किंग और दिखावे का माहौल बना रहता है। दरअसल, एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान आशीष विद्यार्थी ने फिल्म निर्माता मुकुल एस. आनंद की मौत के बाद मुंबई में आयोजित प्रार्थना सभा का अपना पहला अनुभव साझा किया।
उन्होंने बताया कि “हम अमेरिका के उटाह में फिल्म ‘दस’ की शूटिंग कर रहे थे, जिसमें सलमान खान, रवीना टंडन और संजय दत्त थे। मैं पहली बार अमेरिका गया था। लौटने के बाद पता चला कि मुकुल की मौत हो गई है। मैं एकदम नया था और कभी किसी प्रार्थना सभा में नहीं गया था।”
उन्होंने आगे कहा कि जब वह सभा में पहुंचे, तो हर कोई सफेद कपड़ों में और आंखों पर काला चश्मा लगाए नजर आया। जबकि वो अकेले थे जो रंगीन कपड़ों में थे, जिससे वह खुद को अनकंफर्टेबल महसूस कर रहे थे। लेकिन असली झटका उन्हें तब लगा जब एक व्यक्ति ने उन्हें शोक व्यक्त करते हुए कोहनी से छूकर अगली हफ्ते की डेट्स के बारे में पूछ लिया।
आशीष ने कहा, “मैंने हाथ जोड़ लिए और सिर झुकाया हुआ था। उसी मुद्रा में मैंने जवाब दिया। बाहर निकलने के बाद मैं हैरान था कि ये सब क्या हो रहा है। जब तक आप व्यक्तिगत रूप से जुड़े न हों, तब तक दर्द महसूस नहीं होता। सब कुछ बहुत प्रोफेशनल और सतही लग रहा था।”
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उन्होंने यह भी बताया कि इंडस्ट्री में लोग शोक को भी एक फॉर्मेलिटी की तरह निभाते हैं। “हर कोई फुसफुसा रहा था, जैसे अस्पताल में हो। माहौल दिखावे से भरा होता है।”
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर चलने वाले ट्रेंड्स पर भी उन्होंने कटाक्ष किया। “आजकल लोग RIP या ‘ओम शांति’ लिख देते हैं और कहते हैं कि बहुत जल्दी चले गए। फिर लिखते हैं, इंडस्ट्री ने उन्हें कभी इस्तेमाल ही नहीं किया। मैं समझ गया कि ये समाज कैसा है, जैसा दिखाना चाहिए, वैसा दिखाते हैं।”