वर्धन पुरी (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी को आज भी उनके दमदार अभिनय और यादगार किरदारों के लिए याद किया जाता है। ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ जैसे डायलॉग्स आज भी फैंस की जुबां पर हैं। साल 2005 में ब्रेन हेमरेज के कारण उनका निधन हो गया था, लेकिन उनके निभाए किरदार आज भी जिंदा हैं। दिलचस्प बात यह है कि जहां अमरीश पुरी के बच्चों ने फिल्मी दुनिया से दूरी बनाए रखी, वहीं उनके पोते वर्धन पुरी ने एक्टिंग को ही अपना करियर चुना।
दरअसल, वर्धन पुरी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत थिएटर से की और इसके बाद उन्होंने साल 2019 में फिल्म ‘ये साली आशिकी’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। फिल्म को भले ही बड़ी सफलता न मिली हो, लेकिन वर्धन के अभिनय की सराहना जरूर हुई। बहुत से लोग नहीं जानते कि वर्धन, अमरीश पुरी के पोते हैं क्योंकि उन्होंने बिना किसी शोर-शराबे के, अपने दम पर इंडस्ट्री में जगह बनाने की कोशिश की है।
वर्धन पुरी ने शेयर की थी दादू की यादें
वर्धन ने एक पुराने इंटरव्यू में अपने दादू अमरीश पुरी से जुड़ी कई यादें साझा की थीं। उन्होंने बताया कि अमरीश पुरी बेहद अनुशासनप्रिय व्यक्ति थे। चाहे कितनी भी देर रात तक शूटिंग क्यों न हो, वे सुबह जल्दी उठकर योग जरूर करते थे। वर्धन ने बताया कि उनके दादा ने हमेशा उन्हें सिखाया कि अगर जिंदगी में कुछ हासिल करना है तो अपने बलबूते पर करना चाहिए, किसी के नाम या पहचान के सहारे नहीं।
वर्धन ने यह भी बताया कि बचपन में जब वह फिल्म सेट्स पर जाने की जिद करते थे, तो अमरीश पुरी उन्हें वहां ले जाने से बचते थे। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा, “दादू को लगता था कि अगर मुझे सेट पर स्पेशल ट्रीटमेंट मिलेगी, तो मैं खुद को कुछ खास समझने लगूंगा, जो कि मेरे भविष्य के लिए सही नहीं होगा।”
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दादू की सीख ने बनाया शानदार कलाकार
हालांकि, उनकी इस सोच ने वर्धन के अंदर सेल्फ कॉन्फिडेंस और संघर्ष की भावना को मजबूत बनाया। यही वजह है कि उन्होंने एक्टिंग को केवल विरासत नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी समझकर अपनाया। भले ही वर्धन को अभी वह स्टारडम नहीं मिला है जो उनके दादा को मिला था, लेकिन उनकी मेहनत और लगन यह दिखाती है कि वह भी एक दिन अपनी अलग पहचान जरूर बनाएंगे।