युगेन्द्र पवार व अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल बजने के बाद पार्टियों ने अपने सेनापतियों को इस रण में उतारना शुरू कर दिया है। इस चुनावी महाभारत में भी परिवारों में द्वंद देखने को मिलेगा। कहीं चाचा-भतीजा तो कहीं भाई-भाई की लड़ाई होगी। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही एक सीट है जहां चाचा और भतीजा आमने-सामने होंगे। लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाभी बनाम ननंद की चुनावी जंग हो चुकी है। अब चाचा बनाम भतीजे की बारी है।
महाराष्ट्र के बारामती में पवार परिवार के भीतर एक और राजनीति द्वंद्व के लिए मंच सज चुका है। एक तरह जहां एनसीपी के नेता अजित पवार है तो दूसरी ओर उनके भतीजे युगेन्द्र पवार। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने युगेन्द्र पवार को बारामती अपना उम्मीदवार बनाया है।
बारामती में अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के बाद युगेन्द्र ने कहा कि “इस सीट पर चाचा अजित पवार के खिलाफ लड़ना एक चुनौती है, लेकिन मैं चिंतित नहीं हूं, क्योंकि सद्भावना और आशीर्वाद मेरे साथ हैं।”
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युगेन्द्र पवार ने कहा कि बारामती के लोगों ने ही उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुना है। एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए युगेन्द्र को मैदान में उतारा है। युगेन्द्र का यह पहला चुनाव है। वह उपमुख्यमंत्री अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं।
पुणे जिले के अपने गृह क्षेत्र बारामती में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पवार परिवार के दो सदस्यों के बीच छह महीनों के भीतर यह दूसरा चुनावी मुकाबला होगा। इसी साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
सुप्रिया सुले ने अपनी भाभी सुनेत्रा पवार को 1.58 लाख से ज़्यादा वोटों से हराकर बारामती सीट बरकरार रखी। शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जुलाई 2023 में विभाजित हो गई, जब उनके भतीजे अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से हाथ मिला लिया।
बारामती से पीटीआई-भाषा को दिए गए एक टेलीफ़ोन साक्षात्कार में युगेंद्र ने कहा कि “जब मेरे चाचा अजित पवार ने बारामती से काम किया और चुनाव लड़ा, तो शरद पवार साहब का आशीर्वाद उनके साथ था। लेकिन अब यह आशीर्वाद मेरे साथ है। शरद पवार के पास ज़्यादा अनुभव है जो मेरे लिए एक मज़बूत आधार और समर्थन है।”
बारामती से प्रत्याशी युगेन्द्र पवार ने कहा कि कहा कि “मेरे माता-पिता सामाजिक कार्य करते हैं, मैं शैक्षणिक संस्थानों और कुश्ती संघ से जुड़ा हुआ हूं। मेरी फैक्ट्री यहीं है और मैं जैविक खेती कर रहा हूं।” उन्होंने कहा कि ”यह 99 प्रतिशत शरद पवार का प्यार है, जबकि मेरा प्रयास केवल एक प्रतिशत है।”
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लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी बुआ सुप्रिया सुले के प्रचार में शामिल रहे युगेंद्र ने माना कि संसदीय चुनाव के दौरान बारामती विधानसभा क्षेत्र से सुप्रिया सुले की बढ़त उनके लिए उम्मीद की किरण थी। उन्होंने कहा कि, ”लेकिन बदलते राजनीतिक परिदृश्य के साथ, ये चीजें भी बदल गई हैं। बारामती पवार साहब की विचारधारा के साथ चलेगी।”
यह पूछे जाने पर कि क्या बारामती के लोगों के सामने इस बार कठिन चुनाव होगा, क्योंकि पवार परिवार से अजित पवार पारंपरिक रूप से इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ते रहे हैं, जबकि सुले लोकसभा चुनाव लड़ती रही हैं, युगेंद्र ने कहा कि जब वे दोनों शरद पवार के साथ काम करते थे, तो यह समझ बनी थी।