सभी पार्टियां चुनावी मैदान में है और जमकर एक दूसरे पर वार पलटवार कर रही हैं।
Shirol : महाराष्ट्र में चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियां चुनावी मैदान में है और जमकर एक दूसरे पर वार पलटवार कर रही हैं। इसी कड़ी में हम महाराष्ट्र विधनसभा की सभी सीटों के सियासी समीकरण जानने और बताने की कोशिश कर रहे हैं। इस क्रम में हम आज आपको कोल्हापुर जिले के शिरोल विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे।
शिरोल विधानसभा सीट महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। बता दें कि शिरोल कोल्हापुर जिले में स्थित दस विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह सीट इस जिले की पूरी शिरोल तहसील को कवर करता है। शिरोल, कोल्हापुर जिले में शाहूवाड़ी, हाटकनंगले और इचलकरंजी और सांगली जिले में इस्लामपुर तथा शिराला नामक पांच अन्य विधानसभा क्षेत्रों के साथ हाटकनंगले लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।
वही 2019 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र पाटिल यद्रावकर ने जीत दर्ज की थी।
ये भी पढें: शिवसेना UBT 99 या 105 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, संजय राउत बोले शाम तक साफ हो जाएगी तस्वीर
इस विधानसभा में अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या लगभग 15.33% है। वहीं अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 2.69% है। बता दें कि इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 31,510 है जो लगभग 10% है। शिरोल विधानसभा में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 81.87% है।
अगर विधानसभा चुनाव 2019 की बात करे तो इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र पाटिल यद्रावकर ने जीत दर्ज की थी। वहीं इससे पहले 2014 मे शिवसेना ने बाजी मारी थी, उस समय राजेंद्र पाटिल यद्रावकर एनसीपी से चुनावी मैदान में थे और दूसरे स्थान पर रहे थे। यहां से 2014 में शिवसेना के पाटिल उल्हास संभाजी ने जीत दर्ज की थी।
ये भी पढें: Chhath Puja 2024: छठ पूजा के दिन ऐसे हों तैयार, सादगी भरे लुक के साथ दिखेंगी खूबसूरत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। बता दें कि महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को काउंटिंग होगी। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इस चुनाव में महा विकास अघाड़ी के तीन प्रमुख दल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के सामने लोकसभा चुनाव के परिणाम को दोहराने की चुनौती है तो वहीं महायुति में बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना (शिंदे) को अपनी सरकार बचाने के लिए कम से कम 145 सीट पर जीत दर्ज करनी होगी।