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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का बुधवार को आखिरी दिन है। हालांकि महाराष्ट्र के सियासी गठबंधनों में शामिल राजनीतिक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर पूर्ण सहमति अभी भी नहीं बन पाई है और जिन सीटों पर सहमति बनी है तथा उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं, वहां अपनों की बगावत से लगभग सभी राजनीतिक दल बेजार हो रहे हैं। इसमें सर्वाधिक चर्चा शिवडी, माहिम, अंधेरी-पूर्व और जोगेश्वरी विधानसभा सीट की हो रही है।
माहिम में शिवसेना के मौजूदा विधायक सदा सरवणकर ने अपनी पार्टी के मुखिया व राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का आदेश मानने से इनकार कर दिया है तो वहीं अंधेरी में जोड़-तोड़ के बाद सुलझा महायुति की उम्मीदवारी का पेंच शिंदे गुट की महिला नेता संस्कृति शर्मा की बगावत की घोषणा के बाद एक बार फिर से उलझता नजर आ रहा है।
माहिम में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने पुत्र अमित ठाकरे को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी के मुंबई प्रदेश अध्यक्ष आशीष शेलार ने महायुति के सभी प्रमुख नेताओं से राज के पारिवारिक संबंधों की दुहाई देते हुए अमित को समर्थन देने का प्रस्ताव रखा था। इस पर भाजपा नेताओं के साथ सीएम शिंदे भी सहमत हो गए हैं लेकिन शिंदे के विधायक सरवणकर ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है।
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इसी तरह अंधेरी-पूर्व में शिंदे गुट मुंबई पुलिस के सेवानिवृत्त इनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति शर्मा को चुनाव लड़ाना चाहता था। बीजेपी मुरजी पटेल की उम्मीदवारी पर अड़ गई तो मुरजी को शिंदे सेना के टिकट पर चुनाव लड़ाने पर दोनों दल सहमत हो गए। हालांकि अब संस्कृति शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
प्रदीप शर्मा ने ऐलान किया है कि वह बुधवार को 25 हजार से अधिक समर्थकों के साथ अपनी पत्नी संस्कृति का नामांकन दाखिल करने जाएंगे। इसकी वजह से बीजेपी के साथ-साथ शिंदे की शिवसेना में भी तनाव बढ़ गया।
कुछ इसी तरह का मामला जोगेश्वरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में देखने को मिला। यहां से महायुति में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट) की उम्मीदवार मनिषा वायकर ने मंगलवार को अपना उम्मीदवारी अर्ज दाखिल किया। इसके बाद मनिषा अपनी पार्टी की पूर्व नगरसेविका उज्ज्वला मोड़क से मिलने उनके कार्यालय गई थीं।
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दावा किया जा रहा है कि वहां मोडक ने पार्टी की उम्मीदवार मनीषा से बदसलूकी की। वायकर गुट का आरोप है कि मोडक भी जोगेश्वरी से चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन टिकट मनीषा को मिल गया। इससे मोडक नाराज हैं।
बात शिवडी की करें तो यहां अपने मौजूदा विधायक अजय चौधरी को टिकट देना उद्धव के लिए गले की हड्डी बन गया है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के स्थानीय कार्यकर्ता अजय चौधरी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे। उद्धव गुट के शिवडी विधानसभा संगठक सुधीर सालवी यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन उद्धव ने शिवसेना में ऐतिहासिक बगावत के समय साथ देने वाले अजय चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। इससे नाराज सालवी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उद्धव के मनाने के बाद भी सालवी जिद पर अड़े हैं।