आदित्य ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
पुणे: महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में भाजपा के राहुल नार्वेकर का चयन किया गया है। राहुल नार्वेकर को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। इसकी घोषणा खुद प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने की। राहुल नार्वेकर ने रविवार को विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। इस दौरान उनके साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार मौजूद थे।
शिवसेना (यूबीटी) ने विधानसभा अध्यक्ष चुनाव को बहिष्कार किया। उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार को कहा कि पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के रूप में राहुल नार्वेकर के चुनाव का बहिष्कार किया क्योंकि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान एक असंवैधानिक सरकार चलाने में मदद की थी।
बता दें कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) द्वारा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करने के बाद नार्वेकर को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। मुंबई के कोलाबा से भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ढाई साल तक 14वीं विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
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अपने पिछले कार्यकाल के दौरान नार्वेकर ने फैसला सुनाया था कि अविभाजित शिवसेना के विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी ही वैध और वास्तविक शिवसेना थी। उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है।
मुंबई में मीडिया से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के दौरान राहुल नार्वेकर के चुनाव और नए विधायकों को शामिल करने का बहिष्कार किया।
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शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ने कहा कि उन विधायकों के बारे में हर कोई जानता है जो 2022 में सूरत और फिर गुवाहाटी भाग गए थे। सभी ने देखा है कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुने गए राहुल नार्वेकर ने पिछले ढाई वर्षों में कैसे एक असंवैधानिक सरकार चलाने में मदद की। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि नार्वेकर अगले पांच साल में विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर अन्याय नहीं करेंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)