मनोज जरांगे और देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: जहां इक तरफ महाराष्ट्र में मनोज जरांगे मराठा आरक्षण के लिए लगातार आंदोलन करते जा रहे हैं। वहीं उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया था। लेकिन फिर बीते दिनों चुनाव न लड़ने का भी ऐलान कर चुके हैं। वहीं अब इसी बात से यु-टर्न लेते हुए उन्होंने कहा है कि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर वे आज यानी 10 नवंबर को अपना रुख स्पष्ट करेंगे।
जानकारी दें कि, जरांगे ने एक निजी मराठी समाचार चैनल से बातचीत करते हुए मराठा समुदाय के साथ ‘नाइंसाफी करने’ के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। वैसे भी मराठों के लिए जरांगे द्वारा किये जा रहे आरक्षण को बीते एक साल में जबर्दस्त समर्थन और प्रतिसाद मिला है। जरांगे ने मराठों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग दोहराते हुए कहा कि यह समुदाय उन लोगों को हरायेगा जिन्होंने उसके साथ नाइंसाफी की।
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उन्होंने यह भी कहा था कि, ‘‘ हमने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। लेकिन मैं 10 नवंबर को अपना रूख स्पष्ट करुंगा ताकि कोई संशय न रहे। उसके बाद समाज के पास (चुनाव तक) दस दिन हैं। हमें आरक्षण मिलेगा और जब तक नहीं मिलेगा, तब तक हमारा ध्यान इसी पर रहेगा। आरक्षण मिलने के बाद हम यह तय करेंगे कि राजनीति के बारे में क्या करना है।”
जरांगे ने कहा था कि, ‘‘अगर लोगों के साथ अन्याय होता है तो वे आपके खिलाफ़ ही जाएंगे। देवेंद्र फडणवीस की वजह से हमारे समुदाय को हमेशा से ही बहुत अन्याय सहना पड़ा है। मराठा समुदाय को तब बहुत अपमान सहना पड़ा जब उन्होंने दूसरे समुदायों को आरक्षण दिया और हमें छोड़ दिया। समुदाय में इस बात का बहुत गुस्सा है।”
हालांकि इन सबसे इतर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, भले ही मनोज जरांगे ने भले ही इस बार महाराष्ट्र चुनावों में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया हो, लेकिन मराठा आंदोलन के केंद्र जालना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बेचैनी इससे भी कम नहीं हुई है।
यहां BJP ने साल 2019 के चुनाव में जिले के तीन प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र भोकरदन, परतूर और बदनापुर में जीत हासिल की थी और पार्टी कोशिश कर रही है कि, उसकी जीत का रिकॉर्ड भी बरकरार रहे, हालांकि वहां के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में अब बदलाव दिख रहे हैं। फिर जरांगे ने बार-बार BJP पर निशाना साधते हुए हमेशा ही आगाह किया कि मराठा समुदाय आगामी 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में उसके उम्मीदवारों को जीतने नहीं देगा।
वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मराठा समुदाय BJP से नाराज है और आरक्षण सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए BJP को ही जिम्मेदार मानता है। इस पर जरांगे ने समुदाय से बार-बार जोर देकर कहा है कि मराठा आरक्षण का विरोध करने वालों को “सबक सिखाएं”। (एजेंसी इनपुट के साथ)