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नासिक: महाराष्ट्र में चुनावी शंखनाद की आहट सुनाई दे रही है। राज्य की जनता को उम्मीद थी कि हरियाणा के साथ ही चुनाव होंगे, लेकिन इस बार त्योहारों के मद्देनजर महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखों की घोषणा में देरी की गई है। चुनाव आयोग की तरफ से 1 माह का एक्सट्रा समय पार्टियों के लिए परीक्षा में छात्रों को मिले एक्स्ट्रा टाइम के जैसा है। राज्य की सभी 288 सीटों पर पार्टियों और संभावित उम्मीदवारों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
दूसरी तरफ हम भी आप तक हर सीट का विश्लेषण लेकर पहुंच रहे हैं। आज बारी है नासिक जिले और धुले संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली मालेगांव बाहरी विधानसभा सीट की। यहां के आंकड़ें जो बयां कर रहे हैं उससे विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी के माथे पर शिकन ज़रूर आ जाएगी। क्योंकि यहां शिवसेना एक तरह से छत्रप की स्थिति में काबिज है। शिवसेना के दादाजी भुसे को पिछले 20 सालों से यहां पर कोई हिला नहीं पाया है।
मालेगांव बाहरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र के नासिक जिले में धुले संसदीय सीट के अंतर्गत आती है। 2008 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन से पहले 1977 से 2004 तक क्षेत्र दाभाडी (74) के अंतर्गत आता है। 2008 के परिसीमन के बाद मालेगांव बाहरी सीट अस्तित्व में आई।
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मालेगांव बाहरी विधानसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण की बात करे तो यहां ओबीसी और जनरल कैटगरी के मतदाता ज्यादा हैं। वहीं अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 33,877 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 10.18% है। साथ ही अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या 50,783 है। मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार मालेगांव बाहरी विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 25,957 है जो लगभग 7.8% है।
2009 दादाजी भुसे शिवसेना
2014 दादाजी भुसे शिवसेना
2019 दादाजी भुसे शिवसेना
मालेगांव बाहरी विधानसभा सीट 2009 में अस्तित्व में आई लेकिन इसके पहले से ही दादाजी भुसे का इस क्षेत्र से विधायक थे। 2009 से पहले जब यह सीट दाभाडी विधानसभा क्षेत्र में आती थी तब 2004 में दादाजी भुसे ने यहां से निर्दलीय लड़कर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद भुसे शिवसेना में शामिल हो गए।
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मौजूदा शिवसेना विधायक दादाजी भुसे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल है। और सरकार में पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री भी हैं। ऐसे में महायुति गठबंधन की ओर से उनकी दावेदारी यहां से पक्की मानी जा रही हैं। दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन में यह सीट किसके खाते में जाती है यह देखना होगा।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि शिवसेना के प्रभाव को देखते हुए यह सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पाले में जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो मालेगांव बाहरी सीट पर शिवसेना बनाम शिवसेना होने के प्रबल संभावना है। असली और नकली शिवसेना के खेल में कौन बनेगा बाजीगर अब यह जनता के हाथ में हैं।