किरीट सोमैया (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के लिए बीजेपी ने कल यानी 10 सितंबर को अभियान समिति की घोषणा की थी। इसमें पूर्व सांसद किरीट सोमैया को चुनाव आयोग संपर्क प्रमुख बनाया गया था। लेकिन सोमैया ने यह पद लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने बीपेजी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को पत्र लिखकर इस पद को लेने से से इनकार किया है। सोमैया ने कहा कि “मुझे किसी पद का लालच नहीं है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने बुधवार को कहा कि उन्होंने साबित कर दिखाया है कि पार्टी में एक आम कार्यकर्ता की अहमियत उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से अधिक होनी चाहिए। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दल द्वारा सौंपी जा रही एक अहम जिम्मेदारी को लेने से इनकार करने के एक दिन बाद सोमैया ने कहा कि वह पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं और उन्हें किसी भी पद का लालच नहीं है।
किरीट सोमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ”मैं भाजपा महाराष्ट्र को मुझे अभियान समिति का सदस्य नियुक्त करने के लिए धन्यवाद देता हूं और ऐसा करने में असमर्थता और खेद व्यक्त करता हूं। मैंने प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले को लिखा है कि पिछले 5 वर्षों मैं भाजपा का काम एक साधारण सदस्य के रूप में कर रहा हूं और इसे जारी रखूंगा और अभियान समिति में शामिल नहीं होऊंगा।
I thank BJP Maharashtra for appointing Me as Member of Campaign Committee & Expressed REGRET & Inability to do the same
I wrote @cbawankule that for last 5 & 1/2 years (since 18/2/2019) I am doing BJP work as ORDINARY Member & Continue the same & will NOT join Campaign Comitee
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) September 10, 2024
सोमैया ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से प्रचार अभियान समिति के सदस्य के रूप में दी गई जिम्मेदारी को मंगलवार को यह कहते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया था उनसे पहले परामर्श किया जाना चाहिए था। भाजपा की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रावसाहेब दानवे को लिखे पत्र में मुंबई के पूर्व सांसद सोमैया ने उनके साथ किए गए व्यवहार को ‘अपमानजनक’ बताया।
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एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बातचीत में सोमैया ने कहा कि “मुझे किसी पद का लालच नहीं है। बावनकुले और फडणवीस जानते हैं कि मैं कैसे पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। मैं एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं। मैंने साबित कर दिया है कि पार्टी में एक आम कार्यकर्ता का महत्व फडणवीस और बावनकुले से ज्यादा होना चाहिए।”
अविभाजित शिवसेना और भाजपा के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हुई घटना को याद करते हुए, जिसमें दोनों दलों ने 2019 का विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने की घोषणा की थी, सोमैया ने कहा कि “संवाददाता सम्मेलन से पहले उद्धव ठाकरे ने अमित शाह से कहा कि अगर मैं इसमें शामिल होता हूं, तो वह इसमें शामिल नहीं होंगे। इसके बाद फडणवीस ने मुझसे संवाददाता सम्मेलन शुरू होने से पहले ही वहां से चले जाने को कहा। उस दिन से मैं एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं, लेकिन मैंने अपनी मेहनत दोगुनी कर दी है।”
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सोमैया ने कहा कि “अगर मैं अपनी पार्टी के लिए इतना कुछ कर रहा हूं, तो मुझे अतिरिक्त बोझ, मसलन किसी समिति में पद आदि की जरूरत नहीं है। मेरी पार्टी इस पर सहमत हो गई है।” सोमैया के पद लेने से इनकार करने पर मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पूर्व सांसद को वरिष्ठ नेता बताया। उन्होंने कहा कि ‘‘भाजपा में यह नियम है कि हम किसी से पूछते नहीं हैं, जिम्मेदारी सौंप देते हैं। पार्टी ने मुझसे इस बारे में चर्चा नहीं की कि मैं प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहता हूं या नहीं। मुझे सीधे प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)