मीरा भाईंदर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल महायुति के प्रत्याशी व पदाधिकारी
मुंबई: मुंबई की मीरा भाईंदर विधानसभा सीट पर नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि के बाद कुल 17 उम्मीदवार बचे हैं। अब इस सीट पर 17 प्रत्याशियों की चुनावी भिड़ंत होने वाली है। अंतिम दिन नामांकन वापस लेने वालों में बीजेपी के उम्मीदवार नरेंद्र मेहता की पत्नी सुमन मेहता, पूर्व बीजेपी पार्षद सुरेश खंडेलवाल, चंद्रकांत मोदी, बहुजन विकास आघाड़ी की उम्मीदवार फ्रीडा मोराइस, एजाज खतीब और रमजान खत्री का नाम शामिल है। जिन 6 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस लिए हैं उनमें से 4 उम्मीदवारों ने बीजेपी के समर्थन में तो फ्रीडा और खत्री ने कांग्रेस के समर्थन में अपना नामांकन वापस लिया है।
मीरा भाईंदर विधानसभा सीट से अब महायुति से बीजेपी के नरेंद्र मेहता, महाविकास आघाड़ी से कांग्रेस के मुजफ्फर हुसैन, मनसे से संदीप राणे, बसपा से कालीचरण हरिजन चुनावी मैदान में है।
इसके अलावा राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय स्वराज्य सेना से अरुण कुमार खेड़िया, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) से अरुणा चक्रे, हिंदू समाज पार्टी से सुरेन्द्र कुमार जैन, सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी से सत्य प्रकाश चौरसिया और विधायक गीता भरत जैन, पूर्व नगराध्यक्ष अरुण कदम, पूर्व नगरसेवक हंसुकुमार पांडे और अन्य 6 उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
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मीरा भाईंदर विधानसभा सीट पर अब सीधे-सीधे वर्तमान विधायक और निर्दलीय उम्मीदवार गीता भरत जैन, बीजेपी के नरेंद्र मेहता तथा कांग्रेस के मुजफ्फर हुसैन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के पूर्ण आसार हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने खुलकर निर्दलीय उम्मीदवार गीता जैन का समर्थन किया था। इस बार के चुनाव में विभाजित शिवसेना के उद्धव शिवसेना का समर्थन कांग्रेस को और शिंदे शिवसेना का समर्थन बीजेपी को है। जिससे इस सीट पर त्रिकोणीय कांटे की टक्कर निश्चित है।
वहीं दूसरी तरफ देखें तो अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों में खुद के दम पर चुनाव जीतने की क्षमता तो नहीं नजर आ रही, लेकिन वोट काटकर वे चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों के हार जीत का समीकरण बिगाड़ने की ताकत अवश्य रखते हैं। कुल मिलाकर देखें तो मनसे के संदीप राणे बीजेपी और कांग्रेस दोनों का कुछ हद तक वोट काटेंगे।
निर्दलीय हंसुकुमार पांडे कई वर्षों तक कांग्रेस से जुड़े रहे हैं, लेकिन उत्तर भारतीय होने के नाते वे भी कांग्रेस और बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पूर्व उपनगराध्यक्ष अरुण कदम की पकड़ हर समाज के लोगों पर रही है और वैसे भी कदम सभी मुख्य राजनीतिक दलों में पदाधिकारी रहे हैं, तो वे भी कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय गीता जैन के वोट भी काट सकते हैं।
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बीजेपी के नरेंद्र मेहता और महायुति के घटक दल शिंदे शिवसेना के प्रताप सरनाईक के बीच विगत कुछ वर्षों से रिश्ते ठीक नहीं रहे हैं। बीजेपी के पदाधिकारियों का हमेशा से ही यह आरोप रहा है कि शिवसेना महायुति धर्म का पालन नहीं करती है और बीजेपी के पदाधिकारियों को दबाने की राजनीति करती है।
सोमवार को महायुति के सभी घटक दलों ने मिलकर एक संयुक्त पत्रकार परिषद बुलाई थी। जिसमें शिवसेना से विधायक प्रताप सरनाईक, बीजेपी से नरेंद्र मेहता, रवि व्यास, आरपीआई (आठवले) से देवेंद्र शेलेकर, एनसीपी से आसिफ शेख तथा सभी दलों के पदाधिकारी मौजूद थे।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सरनाईक ने मीरा भाईंदर विधानसभा से नरेंद्र मेहता और ओवला मजीवाड़ा विधानसभा से खुद के लिए सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं को जमीनीस्तर पर कार्य करने का आवाहन किया। बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मेहता ने भी मीरा भाईंदर के विकास के लिए 44 संकल्प लेने का वचन दिया।
रवि व्यास ने स्थानीय स्तर के मतभेद मिटाकर पार्टी द्वारा दिए गए उम्मीदवार मेहता के लिए कार्य करने का संकल्प लिया और महायुति के सभी घटक दलों ने युति धर्म के पालन का वादा किया।