इल्तिजा मुफ्ती (सोर्स: सोशल मीडिया)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नजीते आ चुके हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन राज्य में सरकार बनाएगा। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी भी शानदार प्रदर्शन करते हुए पिछली बार से ज्यादा सीटें लाने में कामयाब रही। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को 49 सीटों पर जीत मिली, बीजेपी के खाते में 29 सीटें आई। वहीं पीडीपी केवल 3 सीट पर जीत दर्ज कर पाई हैं। इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने हार को स्वीकर की।
पीडीपी के इस प्रदर्शन को लिए कुछ नेताओं ने पिछली बार बीजेपी के साथ गठबंधन में सरकार चलाने को जिम्मेदार बताया लेकिन दक्षिण कश्मीर की बिजबेहरा सीट से पहली बार लड़े चुनाव में हारने वाली पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने इस बात से इनकार किया।
मंगलवार को इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन रहने के कारण नहीं हारी है और कहा कि पीडीपी पर ‘हमला’ हुआ है। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता बशीर अहमद वीरी से उनकी हार के लिए कई कारण जिम्मेदार थे। इल्जिता को वीरी से 9,770 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा है।
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पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने कहा कि उन्होंने जोखिम उठाया था, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ‘‘यह सिर्फ मेरे बारे में नहीं था। इसके पीछे कई कारण थे।” उन्होंने यहां ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा कि “हमारी पार्टी टूट गई थी, हमने नेशनल कॉन्फ्रेंस के हाथों अपनी सीट खो दीं क्योंकि घाटी में लोग या तो एनसी या पीडीपी को चुनते हैं। इस बार घाटी की जनता ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को मौका देने का फैसला किया और पीडीपी के टूटने का फायदा नेशनल कॉन्फ्रेंस को मिला।”
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने कहा कि पीडीपी घाटी में केवल तीन सीट ही हासिल कर सकी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पर ‘हमला’ हुआ था इसलिए पीडीपी को हार का सामना करना पड़ा। इल्तिजा ने कहा कि “हमारे 25 विधायक, दो राज्यसभा सदस्य और कई मंत्री पार्टी छोड़कर चले गए और उनके साथ ही हमारे कार्यकर्ताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। चुनाव में यह नतीजा भाजपा के साथ गठबंधन के कारण नहीं आया। हमारी पार्टी पर हुए हमले के कारण पीडीपी को हार का सामना करना पड़ा।”
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बता दें कि जम्मू कश्मीर में 2014 के चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। पीडीपी और भाजपा ने चुनाव बाद गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई थी। अपनी चुनावी लड़ाई के बारे में इल्तिजा ने कहा कि वह जानती थीं कि यह जोखिम भरा है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगी, इल्तिजा ने कहा कि पांच साल का समय काफी लंबा होता है।