मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार (सोर्स: एक्स@ECISVEEP)
मुंबई: महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 26 नवंबर से पहले राज्य में चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि चुनाव का समय, चरण और तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि 26 नवंबर से पहले राज्य में नई सरकार का गठन हो जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र में ‘हमारा महाराष्ट्र, हमारा वोट’ इस घोष वाक्य के साथ राज्य में चुनाव कराने जा रहा है। पिछले 2 दिनों से राज्य के दौरे के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों सहित चुनाव से संबंधित विभिन्न जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य सभी हितधारकों से चर्चा कर चुनाव के संबंध में उनकी राय जानी।
इसी के साथ उन्होंने यह भी संकेत दिए कि 26 नवंबर को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले यानी चुनाव प्रक्रिया संपन्न करा ली जाएगी। अत: आगामी अक्टूबर माह के पहले पखवाड़े के अंत तक राज्य में चुनावी आचार संहिता लगाई जा सकती है।
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लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ पार्टियों ने शिकायत की कि मुंबई समेत कई शहरों में मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर घंटों इंतजार करना पड़ा। इसके लिए भविष्य में उचित कदम उठाने चाहिए। इसी तरह कुछ दलों ने चुनाव अवधि के दौरान अधिकारियों के तटस्थ स्थानांतरण पर जोर दिया तो कुछ ने विशेष रूप से अनुरोध किया कि बुजुर्ग और विकलांग मतदाताओं को दूर के मतदान केंद्रों तक ले जाने में होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए उचित उपाय किए जाएं।
मतदान केंद्र पर उसी बूथ के पोलिंग एजेंट नियुक्त किए जाने चाहिए। ऐसी मांगों व सुझावों पर सीईसी ने सभी बूथों पर कतार में मतदाताओं के लिए बेंच, पीने का पानी और भीड़भाड़ वाले इलाकों में स्थित बूथों के लिए वाहनों की पार्किंग जैसी सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने अन्य मांगों पर भी विचार करके उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
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कुछ दलों ने चुनाव के दौरान फेक न्यूज को भी एक बड़ी समस्या बताते हुए उस पर चिंता जताई। इस पर सीईसी ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अधिकारियों को इस खतरे के खिलाफ त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सीईसी ने कहा कि स्वच्छ, निष्पक्ष एवं अपराध मुक्त चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ कदम उठाए हैं। यह जानना मतदाताओं का अधिकार है कि क्या किसी उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि है, पार्टियों को भी बताना चाहिए। इसलिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की घोषणा स्थानीय समाचार पत्रों एवं न्यूज चैनलों में तीन बार विज्ञापन देकर करनी होगी। यह शर्त सियासी दलों पर भी लागू होगी। उन्हें बताना होगा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को उम्मीदवारी क्यों दी जा रही है?
राजीव कुमार ने कहा कि जो अधिकारी 3 साल से ज्यादा समय से एक ही जगह पर हैं, खासकर जो अपने ही जिले में तैनात हैं, उनका तुरंत ट्रांसफर किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक रश्मी शुक्ला के बारे में शिकायत मिली है। उचित कार्रवाई की जा रही है। ट्रांसफर और पोस्टिंग में पूरी पारदर्शिता लागू की जाएगी।
चुनाव के दौरान धन के दुरुपयोग की आशंका रहती है। इसलिए शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे तक एटीएम के लिए पैसे ले जाने वाले वाहनों पर पैसा नहीं ले जाया जा सकता है। इस दौरान एंबुलेंस, बैंक और क्रेडिट संस्थानों पर खास नजर रखी जाएगी।
चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान गड़बड़ी रोकने के लिए सुविधा पोर्टल नाम से एक ऐप बनाया है। इस ऐप पर मतदाता अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि उदाहरण के तौर पर अगर किसी जगह पर कोई घटना हो या देर तक मतदान चल रहा हो तो सिर्फ फोटो खींचकर इस ऐप पर अपलोड करने से 90 मिनट के अंदर चुनाव आयोग की टीम वहां पहुंच जाएगी।
राजीव कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र में 288 निर्वाचन क्षेत्र हैं। इनमें से 25 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं, जबकि 29 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। यह एक मजबूत समाज एवं परिवार व्यवस्था का परिचायक है।
चुनाव आयोग की टीम नए वोटरों पर विशेष ध्यान दे रही है। क्योंकि यही युवा मतदाता भविष्य में लोकतंत्र को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे महाराष्ट्र में 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं की संख्या 19.48 लाख है। राज्य में थर्ड जेंडर और पीडब्ल्यूडी वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है।