सांकेतिक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)
नागपुर: लोकसभा चुनाव-2024 के बाद विधानसभा चुनाव- 2024 में भी गड़बड़ियां देखने को मिलीं। इन गड़बड़ियों में एक अचंभित कर देने वाला मामला भी उजागर हुआ। कई मतदाताओं की उंगलियों से मतदान के बाद लगने वाली गर्व की स्याही घंटे भर में ही धुंधली हो गई।
बता दें कि मतदान के दिन मतदान केंद्र पर जाने के बाद चुनाव कर्मचारियों के हाथों में स्याही की बोतल देखी जा सकती है। मतदाता की बायीं अंगुली पर स्याही लगने के बाद वह कुछ दिनों तक नहीं उतरती। वोट देने के बाद यह स्याही अंगुली के जरिए सोशल मीडिया पर भी फैलाई जाती है।
विगत दिनों चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक 1 बोतल स्याही में 440 मतदाताओं की अंगुलियां रंगी जा सकती हैं। मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के संकेत के रूप में बाएं हाथ की स्याही लगी अंगुली को आम लोग, जनप्रतिनिधियों या मशहूर हस्तियों द्वारा गर्व से प्रदर्शित किया जाता है।
महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
बताते चलें कि वर्ष 1951-52 में चुनाव आयोग ने डबल वोटिंग की रोकथाम के लिए सोच-विचार किया। तब मतदाता की अंगुली पर स्याही लगाने की अवधारणा सामने आई। ऐसी स्याही बनाने के प्रयास पर विचार किया गया जो पानी या किसी रसायन से नहीं मिटाई जा सके। इसके बाद चुनाव आयोग ने नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (एनपीएल) से संपर्क किया। एनपीएल ने इस स्याही को बनाने के लिए मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड (एमपीवीएल) को ऑर्डर दिया था। 1962 में हुए चुनावों में पहली बार स्याही का इस्तेमाल किया गया था। तब से लेकर आज तक सभी चुनावों में इसी स्याही का इस्तेमाल किया जाता है।
इस स्याही को कम से कम 15 दिनों तक नहीं मिटाया जा सकता। उक्त कंपनी ने स्याही बनाने की विधि कभी भी सार्वजनिक नहीं की है क्योंकि यदि यह रहस्य सार्वजनिक कर दिया गया तो लोग स्याही मिटाने का रास्ता ढूंढ लेंगे और इसका उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस स्याही में सिल्वर नाइट्रेट मिलाया जाता है। इससे स्याही प्रकाश संवेदनशील हो जाती है। ऐसे में स्याही लगते ही तुरंत सूख जाती है। बावजूद इसके विधानसभा चुनाव-2024 में सिटी के कई मतदाताओं ने बताया कि अंगुली पर वोटिंग इंक लगते ही धुंधला गई। यदि स्याही घंटे भर से लेकर 12 घंटों के भीतर ही मिटने लगे तो डबल वोटिंग के फर्जीवाड़ा से इनकार नहीं किया जा सकता।