ध्रुव जुरेल (फोटो-सोशल मीडिया)
Jammu Kashmir and Haryana Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा ने विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने लगे हैं। एक तरफ हरियाणा में भाजपा बाजी मारते हुए दिखाई दे रही है, तो दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में बीजेपी बहुमत से काफी दूर नजर आ रही है। लेकिन इन दोनों ही राज्यों में उन पार्टियों की हालात खराब है, जिन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन किया था। दोनों ही राज्यों में पहले बीजेपी के गठबंधन की कर सरकार में रहने वाली पार्टियों की साख गिरती दिखाई दे रही है।
जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी की हालात बेहद गंभीर नजर आ रही है। जबकि हरियाणा में जेजेपी की भी हालात ठीक नहीं है। जिसके बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि यहां क्षेत्रीय पार्टियों को भाजपा के साथ गठबंधन करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। जिसकी वजह से उनका अपने ही इलाके में सूपड़ा साफ होते दिखाई दे रहा है।
विधानसभा चुनावों के नतीजों के सामने आने के बाद यह पता चल गया है कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी की साख गिर रही है। यहां NC+ 48 सीटों पर आगे है। जबकि बीजेपी 24 सीट पर है। लेकिन महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी केवल चार सीटों पर ही दिखाई दे रही है।
पीडीपी एक समय घाटी की प्रमुख पार्टी हुआ करती थी। जिन्हें मुस्लिम वोट बैंक का हमेशा से सहारा मिलता रहा। लेकिन इस बार इस वोट बैंक में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। पीडीपी ने 2014 में बीजेपी के साथ गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई थी, लेकिन इस गठबंधन की वजह से पार्टी ने अपना समर्थन खो दिया था।
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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही PDP की स्थिति काफी कमजोर हो गई। जिसका नतीजा यह निकला की पार्टी के समर्थकों ने ही पार्टी से दूरी बना ली। जिसकी वजह से राज्य में अब पीडीपी तीसरे स्थान पर आ गई है।
वहीं हरियाणा के तरफ नजर डालें तो फिलहाल अब तक फाइनल रुझान नहीं आए हैं। लेकिन इस राज्य में बीजेपी बाजी मार रही है। हालांकि एक समय कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर देखने मिल रही थी, लेकिन अब भाजपा काफी आगे है और बहुमत भी हासिल कर चुकी है। लेकिन इस राज्य में जेजेपी ने खाता भी नहीं खोला है।
एक तरफ जहां 2019 में हरियाणा में जेजेपी किंगमेकर बनकर सामने आई थी, वहीं 2024 में पार्टी एक बार फिर शून्य पर ही पहुंच गई है। जब 2019 में जेजेपी ने 10 सीट अपने नाम की थी और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। लेकिन किसान आंदोलन में जेजेपी को भाजपा के साथ होने की वजह से काफी नुकसान हुआ है और पार्टी के वोट बैंक पर भी काफी असर हुआ।
जिसके बाद खुद दुष्यंत चौटाला ने माना कि उस समय भाजपा के साथ रहना उनकी बड़ी गलती है और ये ही गलती अब उन पर भारी पड़ रही है। इस चुनाव में जेजेपी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।