मायावती अखिलेश यादव व राहुल गांधी (डिजाइन फोटो)
लखनऊ: चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में शंखनाद हो चुका है। जबकि महाराष्ट्र और झारखंड में अक्टूबर के अंत तक चुनावी रणभेरी बजेगी। इन चुनावों को लेकर एक तरफ एनडीए सभी राज्यों में जीत दर्ज कर क्लीन स्वीप करने के मूड में दिखाई दे रही है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक एनडीए को मात देकर यह साबित करना चाहता है कि लोकसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन तुक्का नहीं था। लेकिन इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने दोनों का खेल बिगाड़ने का मूड बना लिया है।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी ने तीन और राज्यों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने का फैसला किया है। झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी बसपा पूरी ताकत से उतरेगी। बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस संबंध में निर्देश जारी किए। मंगलवार को लखनऊ में बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में मायावती को बसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुना गया।
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मंगलवार को लखनऊ में हुई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) कार्यकारिणी की बैठक में यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को एक बार फिर सर्वसम्मति से बसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इन राज्यों में चुनाव की तैयारी बैठक में संक्षिप्त संबोधन के दौरान बसपा प्रमुख ने कहा कि बसपा को हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली विधानसभा चुनाव पूरी तैयारी और मजबूती के साथ लड़ना है। बसपा इस समय जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव मैदान में है। महाराष्ट्र, दिल्ली और झारखंड में इसके उतरने से कांग्रेस और भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बसपा अपना जनाधार बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है।
बसपा न सिर्फ राष्ट्रीय पटल पर अपनी पैठ जमाना चाहती है बल्कि राज्यों में भी अपनी अच्छी पकड़ बनाने की योजना बना रही है। इसके अलावा बसपा की बैठक में आकाश आनंद को कई राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है। आकाश को दिल्ली, मध्य प्रदेश और हरियाणा की भी जिम्मेदारी दी गई है। कई समन्वयकों को भी हटाया गया है। कुछ समन्वयकों को एक जगह से दूसरी जगह जिम्मेदारी दी गई है।
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