सीआर केसवन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
चैन्नई: रविवार को भारतीय जनता पार्टी और महाविकास आघाडी दोनों बड़ी पार्टियों ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया है। इस पर राजनीतिक नेताओं में एक दूसरे की पार्टी के घोषणापत्र को लेकर बहस छिड़ी हुई है।
इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन का कहना है कि महाविकास आघाडी का घोषणापत्र जनता के भलाई के लिए नहीं है। इसके पीछे जरूर महाविकास आघाडी का कोई छुपा हुआ घोषणापत्र है। उनका मानना है कि ये घोषणापत्र उलेमा बोर्ड के लिए लिखा गया है।
एमवीए का मतलब मुस्लिम विकास आघाडी पार्टी हो गया है। उलेमा बोर्ड की एक मांग थी कि 10 प्रतिशत नौकरी और शिक्षा में आरक्षण दिया जाए। इसके अलावा एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों का का आरक्षण छीनना जाए।
इसके लिए एमवीए डॉ बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा दी गई संवैधानिक गारंटी से एससी/एसटी और ओबीसी लोगों को आरक्षण छीनने की कोशिश कर रहा है। धर्म के आधार पर आरक्षण देना संवैधानिक तौर पर गलत है जिसका अब एमवीए साथ दे रहा है। अब जनता के सामने यह सवाल खड़ा होता है कि एमवीए धर्म के आधार पर आरक्षण देकर एससी/एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीन लेगी।
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महा विकास अघाड़ी के घोषणापत्र पर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा, “क्या यह एमवीए का असली घोषणापत्र है या एमवीए का कोई और गुप्त घोषणापत्र है जिसे अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड ने लिखा है?… उलेमा बोर्ड की मांगों में से एक है नौकरियों और शिक्षा में मुसलमानों को 10% आरक्षण देना, एससी/एसटी और ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षण छीनना।”
#WATCH | Chennai, Tamil Nadu: On Maha Vikas Aghadi's manifesto for #MaharashtraElection2024, BJP National Spokesperson CR Kesavan says, "Is this the real manifesto of the MVA or is there another secret hidden manifesto of the MVA which has been written by the All India Ulema… pic.twitter.com/QrHfNbKXjE
— ANI (@ANI) November 11, 2024
संविधान का उल्लंघन करने की सोच रही एमवीए पर उन्होंने कहा, “क्या एमवीए हमारे एससी/एसटी और ओबीसी भाइयों और बहनों को डॉ बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा दी गई संवैधानिक गारंटी से वंचित करने की साजिश कर रहा है ताकि एमवीए धार्मिक तुष्टिकरण की अपनी खतरनाक राजनीति कर सके? यह सवाल हर किसी के दिमाग में है।”
एमवीए से तुलना करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा, कि “इस बार जनता विकसित महाराष्ट्र के लिए वोट देंगी और 2028 में एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करेंगी जो एक शानदार विकसित भारत की नींव रखेगा।”
आपको बताते चले कि उलेमा बोर्ड अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड के नाम से जानी जाने वाली सुन्नी मुसलमानों की संस्था का नाम है। इस बोर्ड की स्थापना 1989 में की गई थी। इसका लक्ष्य समाज के सभी वर्गों के बीच एकता स्थापित करना और शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना है।
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