अमित शाह (सोर्स: साेशल मीडिया)
जलगांव: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र जारी करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी महाराष्ट्र पहुंचे है। घोषणापत्र जारी होने के बाद अमित शाह ने जलगांव जिले के रावेर विधानसभा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए महा विकास अघाड़ी के नेताओं पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।
केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने जलगांव के रावेर विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि महा विकास अघाड़ी गठबंधन महाराष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर तुष्टिकरण की राजनीति में लिप्त है।
इस दौरान अमित शाह ने उलेमा संघ द्वारा विपक्षी कांग्रेस को हाल ही में सौंपे गए एक ज्ञापन की ओर इशारा किया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है। शाह ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग से दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभ प्रभावित होंगे, क्योंकि कोटा पर 50 प्रतिशत की सीमा है और कोई भी वृद्धि मौजूदा आरक्षण की कीमत पर होगी।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “महा विकास अघाड़ी के नेताओं की सत्ता की लालसा ने उन्हें हाशिए के समुदायों पर उनके कार्यों के दीर्घकालिक परिणामों के प्रति अंधा कर दिया है। भाजपा सभी समुदायों के कल्याण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है, लेकिन मुसलमानों के लिए किसी भी प्रकार के आरक्षण के सख्त खिलाफ है। जब तक भाजपा का एक भी सांसद या विधायक यहां है, हम धर्म आधारित आरक्षण का विरोध करेंगे, यह हमारी प्रतिबद्धता है।”
भाजपा नेता अमित शाह ने जलगांव की सभा में कहा कि “एमवीए के दलों ने अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण देश की सुरक्षा से समझौता किया है। वे वोटों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं।” महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को होगा जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने दशकों तक राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही इस मुद्दे का समाधान अयोध्या में एक भव्य मंदिर के निर्माण के साथ हुआ।
(एजेंसी इनपुट के साथ)