अचलपुर विधानसभा सीट (कॉन्सेप्ट फोटो)
अमरावती: अचलपुर विधानसभा सीट अमरावती संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है। यहां पर दलित और मुस्लिम वोटर्स का दबदबा माना जाता है, क्योंकि संख्याबल के हिसाब से यह दोनों ही किसी भी पार्टी या उम्मीदवार की जीत हार तय करने का माद्दा रखते हैं। यह ऐसी सीट है जहां पार्टी समर्थित उम्मीदवारों से ज्यादा निर्दलीयों ने विजयश्री प्राप्त की है। वर्तमान में यह प्रहार जनशक्ति पार्टी के कब्जे में है।
साल 1972 में विधानसभा के गठन के बाद यहां दो बार कांग्रेस और और दो ही बार भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज करने में कामयाब हुई है। एक बार यह सीट कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया यानी सीपीआई के हिस्से में भी आई है। इसके अलावा यहां पांच बार निर्दलीय उम्मीदवार ने बाजी मारी है। वहीं आखिरी विधानसभा चुनाव में प्रहार जनशक्ति पार्टी जीत दर्ज करने में कामयाब हुई है।
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अचलपुर विधानसभा सीट पर दलित और मुस्लिम वोटर्स का वर्चस्व माना जाता है। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक यहां कुल 280638 वोटर्स हैं। जिनमें अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 49,392 हैं, जो कि 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 17.6 फीसदी है। जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 52,760 हैं, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार कुल वोट का करीब 18. प्रतिशत है। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के मतदाता भी लगभग 17,203 हैं। बात करें ग्रामीण वोट प्रतिशत की तो अचलपुर विधानसभा में यह आंकड़ा लगभग 171,919 हैं।
अचलपुर विधानसभा सीट का इतिहास (ग्राफिक इमेज)
अचलपुर विधानसभा सीट पर 2004 से लेकर अब तक लगातार बच्चू बाबाराव कडू का दबदबा कायम है। 2004, 2009 और 2014 में उन्होंने यहां से निर्दलीय जीत दर्ज की है। जबकि 2019 विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी खुद की प्रहार जनशक्ति पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की है। ऐसे में अभी तक तो यही माना जा रहा है कि यहां एक बार फिर वहीं बाजी मारेंगे। लेकिन चुनाव में जनता जनार्दन होती है। वह किसी भी नेता को सड़क से सत्ता तक पहुंचा सकती है और उसे सत्ता से सड़क पर भी ला सकती है।
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