संदीप दीक्षित, सौरभ भारद्वाज (फोटो-सोशल मीडिया)
ED Raid on Saurabh Bharadwaj: दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व AAP दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज पर ईडी के छापे से राजनीतिक माहौल गर्म है। AAP भाजपा पर नाकामी छिपाने और ध्यान भटकाने का आरोप लगा रही हैं। AAP और भाजपा की जुबानी जंग के बीच कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित की एंट्री हो गई है। दीक्षित ने कहा कि निश्चित रूप से एक घोटाला है। इसमें कोई संदेह नहीं है। जब भाजपा ने जांच की बात की थी, तो मुझे उम्मीद थी कि यह ठीक से की जाएगी। यह छापेमारी बहुत पहले होनी चाहिए थी।
सौरभ भारद्वाज के आवास पर अस्पताल निर्माण परियोजना में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की। गौरतलब है कि भाजपा लंबे समय से दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में घोटाले का आरोप लगा रही थी।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बारे में कहा कि उनके एक फैसले से माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण मुश्किल हो गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह पूरी तरह से फर्जी मामला है। लगभग 40-50 न्यायाधीशों ने इस मामले में पत्र लिखकर निंदा की। उन्होंने इसे बेहद घटिया बयानबाजी बताया। जब कोई व्यक्ति अपने कार्यकाल के दौरान कोई फैसला लेता है, तो उन्हें (भाजपा को) यह समझना चाहिए कि वह फैसला किस संदर्भ में लिया गया है। उन्हें न तो मुद्दे की समझ है और न ही स्थिति की, वे बस बातें करते रहते हैं।
संदीप दीक्षित ने अमेरिका के भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री में अच्छी दोस्ती है। ऐसा सुनने में आया है कि डोनाल्ड ट्रंप भी कभी-कभी पीएम मोदी से सलाह लेते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के पराक्रम की भारतीय जनता पार्टी कहानियां सुनाया करती थी, वह कहां जाकर रुकी है, यह समझ से परे है।
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दीक्षित ने कहा कि मेरा सवाल है कि हम प्रभावशाली देश हैं, हम उन पर 300 प्रतिशत की टैरिफ क्यों नहीं लगा देते। पिछले दस साल से भारत आत्मनिर्भर नहीं हुआ क्या? मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया जैसे कई कार्यक्रम हो चुके हैं। इन सबका कुछ तो असर हुआ होगा। बता दें कि हम इन मामलों में फेल रहे हैं। इसीलिए इन देशों के खिलाफ टैरिफ नहीं बढ़ा पाएंगे। केंद्र सरकार अमेरिका को लेकर इतनी कमजोर क्यों दिख रही है, यह सबसे बड़ा सवाल है।