सौरभ भारद्वाज, फोटो- सोशल मीडिया
मंगलवार सुबह से ईडी की टीमों ने सौरभ भारद्वाज के दिल्ली और एनसीआर स्थित 13 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की जिसमें उनका आवास भी शामिल है। यह कार्रवाई अस्पताल निर्माण में कथित घोटाले को लेकर की जा रही है, जिसकी कुल अनुमानित राशि 5,590 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
इस मामले की जड़ें जून 2024 से जुड़ी हैं, जब दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने स्वास्थ्य ढांचे से संबंधित कई परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप में AAP सरकार के दो पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद जुलाई में ED ने भी इसी मामले में अपनी जांच शुरू की।
ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। योजना के अनुसार छह महीने के भीतर आईसीयू समेत नए अस्पतालों का निर्माण किया जाना था, लेकिन अब तक इन परियोजनाओं में मात्र 50% काम ही पूरा हो सका है। जबकि रिकॉर्ड के अनुसार 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि पहले ही खर्च की जा चुकी है।
लोक नायक अस्पताल का मामला विशेष रूप से जांच के घेरे में है, जहां निर्माण लागत 488 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। ईडी का आरोप है कि इस तरह की लागत वृद्धि बिना पारदर्शी मंजूरी के हुई। एजेंसी ने यह भी बताया कि कुछ अस्पतालों में निर्माण कार्य सही स्वीकृति के बिना ही शुरू कर दिए गए थे।
दिल्ली ACB के अनुसार 24 अस्पताल परियोजनाओं में से 11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट थे। इनमें पॉलीक्लिनिक, अस्पताल और ICU इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल थे। लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यापक अनियमितताएं, अनुचित देरी और फंड के दुरुपयोग के साक्ष्य मिले हैं। आरोप है कि ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर बजट को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और सार्वजनिक धन का गलत इस्तेमाल किया गया।
इस मामले में पहली औपचारिक शिकायत 22 अगस्त 2024 को उस समय के दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता द्वारा की गई थी। उन्होंने GNCTD के अंतर्गत चल रही स्वास्थ्य परियोजनाओं में भारी भ्रष्टाचार की ओर ध्यान दिलाया था। गुप्ता ने सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन पर ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने, बजट में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए थे।
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ईडी की यह छापेमारी मामले की जांच को एक नए मोड़ पर ले गई है। एजेंसी अब इस पूरे घोटाले में पैसों की ट्रेल और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां या पूछताछ संभव है।