सचिन पायलट (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों में न तो केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार और न ही दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी की चिंता की। उन्होंने कहा कि हर जाति, समुदाय और धर्म के लोगों को कांग्रेस के चुनाव चिह्न ‘हाथ’ पर भरोसा है।
कांग्रेस महासचिव ने पश्चिमी दिल्ली के मादीपुर इलाके में एक जनसभा को संबोधित किया। पायलट ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से हमने दोनों दलों भाजपा और आप को अपने भाषणों में कुछ कहते और आश्वासन देते देखा है, जबकि वास्तव में, वे वर्चस्व के लिए लड़ रहे थे। उन्होंने पूरा समय आरोप-प्रत्यारोप में बिताया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक-दूसरे को अपमानित करने के अलावा, न तो केंद्र सरकार और न ही दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी की परवाह है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की हालत सबके सामने है जहां कूड़े के पहाड़ बन गए हैं और प्रदूषण बेतहाशा बढ़ गया है। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा। मतगणना आठ फरवरी को होगी।
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी पिछले 10 सालों से संघर्ष कर रही है। पिछले 2 चुनावों में पार्टी की एक भी सीट नहीं आई थी। इस बार दिल्ली कांग्रेस पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ी रही है, कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार बड़ा उलटफेर होगा। यही वजह से पार्टी ने सारे स्टार नेताओं को दिल्ली में उतार दिया है।
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हालांकि राहुल गांधी अभी खराब स्वास्थ्य के चलते दिल्ली में प्रचार नहीं कर रहे हैं। जिसको लेकर पार्टी में असमंजस की स्थिति बनी हुई। कांग्रेस ने चुनाव के शुरूआती दौर में धमाकेदार महौल बनाया। आप के बड़े नेताओं के सामने कांग्रेस ने बड़े चेहरे उतार कर चुनौती पेश की, लेकिन अभी बैकफुट पर नजर आ रही है। इसका कारण बताया जा रहा है कि कांग्रेस के मजबूत होने से आप को बड़ा नुकसान होगा। इसलिए कांग्रेस को डर है कि सांप्रादायिक ताकतों को बढ़ावा देने का आरोप लगेगा।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से दिल्ली के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों यानी भाजपा के परवेश वर्मा (साहिब सिंह वर्मा के बेटे) और कांग्रेस के संदीप दीक्षित (शीला दीक्षित के बेटे) के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को वोटों की गिनती होगी। दिल्ली में सत्तारूढ़ आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।