आतिशी (सौजन्य सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के हाल ही में पेश किए गए बजट को लेकर विधानसभा में तीखी बहस हुई। विपक्ष की नेता और आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने बजट को आर्थिक सर्वेक्षण के बिना पेश किए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिना आर्थिक सर्वेक्षण के बजट पेश करना वित्तीय पारदर्शिता के खिलाफ है।
बजट पर चर्चा के दौरान आतिशी ने मुख्यमंत्री को गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण देने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “दिवाली में अली और रमजान में राम है”, जो धार्मिक सद्भाव का प्रतीक है। हालांकि, इसके बाद उन्होंने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा केवल नारों की पार्टी बनकर रह गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि आर्थिक सर्वेक्षण के बिना बजट पेश करना वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है।
आतिशी ने बजट में पेश किए गए 20% कर संग्रह अनुमान को अव्यावहारिक बताया। उन्होंने कहा कि जब देशभर में जीडीपी विकास दर 6.5% रहने का अनुमान है, तो दिल्ली सरकार का कर संग्रह अनुमान इतना अधिक कैसे हो सकता है?
उन्होंने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की विधानसभा में बजट आर्थिक सर्वेक्षण के बिना पेश नहीं किया जा सकता, जबकि दिल्ली में ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली को केंद्र सरकार से 7,000 करोड़ रुपये की सहायता मिलने की संभावना नहीं है, और न ही 15,000 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त होगा। आतिशी ने कहा, “बजट में एक लाख करोड़ का गुब्बारा फुलाया गया है, जबकि हकीकत में इसका आकार 78,000 करोड़ रुपये है।”
आतिशी ने बजट में अनधिकृत कॉलोनियों के लिए आवंटन में 500 करोड़ रुपये की कटौती को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं और राजस्व अनुमानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
विधानसभा में आतिशी ने दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार, गोलीबारी, गैंगवार और जबरन वसूली के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जब आप विधायकों ने इन मुद्दों को विधानसभा में उठाना चाहा, तो स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने चर्चा की अनुमति नहीं दी।
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आतिशी ने आरोप लगाया कि डबल इंजन सरकार (केंद्र और दिल्ली) की नाकामी को छिपाने के लिए विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। उन्होंने कहा, “दिल्ली विधानसभा, जो यहां की जनता का प्रतिनिधित्व करती है, को कानून व्यवस्था जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा करने से रोका गया।”
दिल्ली सरकार ने बजट का बचाव करते हुए कहा कि उसकी वित्तीय नीतियां शहर के विकास और कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं। हालांकि, विपक्ष के लगातार हमलों के बीच यह बहस और तेज होने की संभावना है।
-एजेंसी इनपुट के साथ।