फाइल फोटो- दिल्ली पुलिस
Delhi News: दिल्ली के विभिन्न रेलवे स्टेशन से गरीब नाबालिगों और मजदूरों को बिना वेतन के जबरन घरेलू काम करवाने तथा बंधुआ मजदूरी कराने के मकसद से जम्मू कश्मीर ले जाने वाले मानव तस्करी के एक गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार करने के बाद तीन नाबालिगों को बचा लिया गया है।
पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर) हरेश्वर स्वामी के अनुसार, गिरोह हर पुरुष पीड़ित का 20 हजार रुपये से 25 हजार रुपये और हर महिला पीड़ित का 40 हजार से 60 हजार रुपये वसूलते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान जम्मू कश्मीर के गंदेरबल निवासी सलीम-उल-रहमान उर्फ वसीम (38), दिल्ली के बेगमपुर निवासी सूरज (31), उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी मोहम्मद तालिब और उत्तर प्रदेश के बाराबंकी निवासी सतनाम सिंह उर्फ सरदार जी के रूप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने बताया कि तालिब के पास उत्तर प्रदेश पुलिस के उपनिरीक्षक का एक जाली पहचान पत्र पाया गया, जिसका इस्तेमाल वह गिरफ्तारी से बचने और तस्करी करने के लिए करता था। स्वामी ने कहा, ‘‘यह सफलता भलस्वा डेयरी थाने में 15 और 13 साल की दो लड़कियों का अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपहरण किए जाने की शिकायत दर्ज होने के बाद मिली। तकनीकी निगरानी से पता लगा कि लड़कियां श्रीनगर में हैं।” पुलिस की एक टीम ने 15 जून को दोनों नाबालिगों को श्रीनगर में बचाया और उन्हें दिल्ली लाया गया। बाल कल्याण समिति के समक्ष दर्ज उनके बयानों से पता लगा कि उन्हें पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बहला-फुसलाकर श्रीनगर ले जाया गया, जहां उनसे बिना वेतन के घरेलू काम करवाया गया।
पीड़ितों के बयान के आधार पर पुलिस ने 14 अगस्त को प्रह्लाद विहार से वसीम और सूरज को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी ने बताया, ‘‘सलीम की श्रीनगर में कथित तौर पर वीए मैनपावर प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक एजेंसी है। पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि उसने पिछले दो वर्षों में लगभग 500 लोगों की तस्करी की है और प्रत्येक पीड़ित पर कमीशन लिया है।” सूरज ने खुलासा किया कि वह दिल्ली स्थित एजेंट के अधीन ट्रांसपोर्टर के रूप में काम करता था तथा उसने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास काम करने वाले अपने कई सहयोगियों के नाम भी बताए।
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अधिकारी ने बताया कि खुलासे के आधार पर पुलिस ने 19 अगस्त को श्रीनगर में छापा मारा, जहां से तालिब और सतनाम को गिरफ्तार किया जबकि एक 16 वर्षीय लड़के को बचाया। उन्होंने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों शाहबाज खान, नरेश, रोहित पांडे और सोहेल अहमद की भूमिका की जांच की जा रही है।