पुणे स्वारगेट मामले की नागपुर बस स्टैंड में पुनरावृत्ति। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: क्या सच में सरकार महिला सुरक्षा के संदर्भ में कुछ सख्त कदम उठाएगी? क्या सच में महिलाएं, मासूम बच्चियां निर्भय होकर सांस ले पाएंगी? यह सवाल आज देश की जनता सरकार से पूछ रही है। देश में महिला सुरक्षा की धज्जियां उड़ रही हैं। यहा तक कि अब न आम न खास, एक भी महिला सुरक्षित नहीं है। यह मंत्री की बेटी से छेड़छाड़ मामले ने साबित कर दिया है। तो वहीं पुणे के स्वारगेट में बस में यौन उत्पीड़न की हालिया घटना के बाद अब इसकी कुछ हद तक पुनरावृत्ति नागपुर में दिख रही है।
अब नागपुर के केंद्रीय बस स्टैंड पर भी एक चिंताजनक मामला सामने आया है। यहां एक युवक महिलाओं के साथ छेड़खानी करते हुए पकड़ा गया, जिसके बाद उसे पुलिस के हवाले किया गया। यह घटनाक्रम रविवार दोपहर गणेशपेठ बस स्टैंड पर घटित हुआ, जहां आरोपी युवक का नाम मंगेश बताया गया है।
मंगेश, जो मनकापुर का निवासी है, एक विकृत मानसिकता वाला व्यक्ति है और उसे अक्सर केंद्रीय बस स्टैंड पर देखा जाता है। वह न केवल महिलाओं को घूरता है, बल्कि उनसे बात करने की कोशिश भी करता है, जिससे महिलाओं में असुरक्षा का माहौल पैदा होता है। मामले की शुरुआत तब हुई जब एक फेरीवाले ने सुरक्षा गार्डों को इसकी सूचना दी। सुरक्षा गार्ड शंकर सोनी ने मंगेश की गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया। हालांकि, पहले कोई ठोस सबूत न मिलने के कारण मंगेश को छोड़ दिया गया।
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लेकिन जब सुरक्षा गार्ड को रविवार दोपहर फिर से मंगेश दिखाई दिया, तब उन्होंने उसे महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए देखा। शंकर सोनी ने तत्परता दिखाई और अपने मोबाइल फोन से मंगेश का वीडियो बना लिया। इस वीडियो को सबूत के रूप में उपयोग करते हुए, उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मंगेश को मौके पर ही पकड़ लिया गया और गणेशपेठ पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, और जांच जारी है।
इस घटना ने महाराष्ट्र सरकार की बसों में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है। यात्रियों की भीड़ बढ़ने के कारण, ऐसे विकृत मानसिकता वाले लोग सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को निशाना बनाते हैं, जिससे महिला यात्रियों के लिए असुरक्षित माहौल बनता है। नागपुर में इस तरह की घटनाएं स्पष्ट रूप से यह दर्शाती हैं कि महिलाएं सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षित नहीं हैं। यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाएं समाज के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।