पुलिस गिरफ्त में देवेन्द्र शर्मा उर्फ 'डॉक्टर डेथ' (सोर्स- सोशल मीडिया)
अलीगढ़: देशभर में आतंक का पर्याय बन चुका कुख्यात सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ ’डॉक्टर डेथ’ आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे रविवार को राजस्थान के दौसा जिले से गिरफ्तार किया। देवेंद्र शर्मा पर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में 50 से ज्यादा लोगों की बेरहमी से हत्या करने का आरोप है।
उसका हत्या करने का अंदाज भी बेहद खौफनाक रहा है। लोगों की हत्या करने के बाद वह उनके शवों को नहरों में मगरमच्छों के बीच फेंक देता था, ताकि कोई सबूत न मिल सके। अगस्त 2023 में वह तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया, लेकिन उसके बाद वह फरार हो गया और पुलिस को चकमा देता रहा।
पुलिस के मुताबिक फरारी के दौरान वह देश के कई हिस्सों में छिपता रहा और आखिर में दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर रहने लगा। वह वहां शांत जीवन जीने का दिखावा कर रहा था, लेकिन क्राइम ब्रांच की निगरानी में आखिरकार उसे पकड़ लिया गया।
डॉक्टर की डिग्री रखने वाला यह शातिर अपराधी लंबे समय से पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। उसकी गिरफ्तारी को कानून व्यवस्था की बड़ी सफलता माना जा रहा है। देश के सबसे खूंखार सीरियल किलर में से एक देवेंद्र शर्मा उर्फ ’डॉक्टर डेथ’ गिरफ्तारी के वक्त लोगों को प्रवचन दे रहा था और खुद को पुजारी बता रहा था।
67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा का अतीत बेहद भयावह और आपराधिक गतिविधियों से भरा रहा है। उस पर न सिर्फ 50 से ज्यादा हत्याओं का आरोप है, बल्कि वह पहले एक बड़े किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से भी जुड़ा रहा है। उसने कई गरीब और असहाय लोगों के अंगों की तस्करी की साजिशों में अहम भूमिका निभाई थी।
डॉक्टर की डिग्री रखने वाला यह अपराधी पहले भी कई बार गिरफ्तार हो चुका है। उसे अब तक सात मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि एक मामले में कोर्ट ने उसे फांसी की सजा भी सुनाई है। अगस्त 2023 में वह तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया था, लेकिन फिर फरार हो गया और अपनी पहचान छिपाकर दौसा के एक आश्रम में रहने लगा। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई को लंबे और खतरनाक अपराध-राज के अंत की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देवेंद्र शर्मा पहले एक आम आदमी था। उसने बुलंदशहर में अपनी बहन के पास रहकर इंटरमीडिएट की पढ़ाई की, फिर पटना से बीएएमएस किया और 1982 में उसकी शादी हो गई। उसने छर्रा में एक गैस एजेंसी खोली, लेकिन कंपनी 11 लाख रुपये का घाटा होने के बाद भाग गई।
घाटे के बाद देवेंद्र 1992 में राजस्थान चला गया और फिर कभी गांव नहीं लौटा। पुलिस के मुताबिक, यहीं से उसका आपराधिक सफर शुरू हुआ। उसने मानव अंगों की तस्करी शुरू की और 1998 से 2004 के बीच अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाया, जिसमें 125 से ज़्यादा ट्रांसप्लांट किए गए।
अलीगढ़ के ग्रामीण एसपी अमृत जैन ने मीडिया को बताया कि ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से मशहूर देवेंद्र शर्मा छर्रा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ पहली एफआईआर 1994 में जानलेवा हमले के आरोप में बरला थाने में दर्ज हुई थी। इसके बाद उसका आपराधिक रिकॉर्ड बढ़ता ही चला गया। देवेंद्र पर हत्या का जुनून सवार था। वह खास तौर पर टैक्सी चालकों को अपना निशाना बनाता था। वह टैक्सी बुक करता और फिर चालक की हत्या कर देता।
वह शवों को उत्तर प्रदेश के कासगंज में हजारा नहर में फेंक देता था, जो मगरमच्छों के लिए मशहूर है। मगरमच्छ शव को पल भर में खा जाते और कोई सबूत नहीं छोड़ते। इसके बाद वह चालक की टैक्सी को ब्लैक मार्केट में बेच देता। यह उसका क्रूर और सुनियोजित तरीका था, जिसने उसे देश के सबसे खतरनाक सीरियल किलर में से एक बना दिया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ ’डॉक्टर डेथ’ 50 से ज्यादा हत्याओं का आरोपी है। इनमें से 8 मामलों में उसे अब तक दोषी ठहराया जा चुका है। 7 मामलों में उसे आजीवन कारावास और हरियाणा के गुरुग्राम में एक हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। इन सजाओं के चलते वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था। हालांकि, अगस्त 2023 में जब वह पैरोल पर बाहर आया तो वह फरार हो गया और काफी समय तक पुलिस को चकमा देता रहा।
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अगस्त 2023 में पैरोल जंप करने के बाद कुख्यात अपराधी देवेंद्र शर्मा ने खुद को बचाने के लिए धर्म की आड़ ली। वह राजस्थान के दौसा में एक आश्रम में पुजारी बनकर छिप गया और फरारी के दौरान प्रवचन देने लगा। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने उसकी तलाश के लिए आधा दर्जन से ज्यादा टीमें बनाईं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की और दौसा स्थित आश्रम में छापेमारी की। गिरफ्तारी के वक्त देवेंद्र आश्रम में प्रवचन कर रहा था, जिसे देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।