कैदी का पुलिसकर्मियों पर हमला। (सौजन्यः सोशल मीडिया प्रतिकात्मक फोटो)
ठाणे: कई बार लोग अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पाते। गुस्से में आकर क्या-क्या कर जाते हैं, लेकिन बाद में पछताते हैं। फिर भी गुस्सा कहां निकालना है, वो जगह पता हो। अन्यथा पछतावा भी नहीं कर पाते। कुछ ऐसा ही ठाणे में एक विचाराधीन कैदी के साथ हुआ। अब वो और भी बुरा फंस गया। शायद कानून के रास्ते जाता तो बच सकता था।
दरअसल, महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत में सुरक्षाकर्मियों के एक दल के साथ दुर्व्यवहार करने और उस पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने एक विचाराधीन कैदी और उसके परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
शांति नगर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि यह घटना शुक्रवार को उस समय हुई जब आरोपी समेत विचाराधीन कैदियों के एक समूह को सुनवाई के लिए आधारवाड़ी जेल से भिवंडी की एक अदालत में लाया गया था। अदालती कार्यवाही के बाद जब विचाराधीन कैदियों को वापस जेल ले जाया जा रहा था तो आरोपी ने शौचालय जाने की अनुमति मांगी।
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पुलिस ने उसे शौचालय जाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन उसे दरवाज़ा खुला रखने और उसे अंदर से बंद न करने का निर्देश दिया, जिससे आरोपी भड़क उठा और उसने पुलिसकर्मियों को अपशब्द कहे। जब आरोपी को पुलिस वैन की ओर ले जाया जा रहा था तो आरोपी ने पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर फिर अपशब्द कहे और वहां मौजूद अपने परिवार के सदस्यों को उन पर हमला करने को कहा।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पत्नी, बहन और एक अन्य पुरुष रिश्तेदार ने पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की। पुलिस में दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, पुलिस के वाहन में बैठते समय आरोपी ने एक महिला कांस्टेबल के खिलाफ कथित तौर पर अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया और अनुचित व्यवहार किया।
आरोपी और उसके परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी अब भी जेल में है। वहीं, घटना के सिलसिले में उसके परिवार के सदस्यों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। प्राथमिकी में यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि आरोपी को पहले किन आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया था।