भिलाई में खुद को CBI अधिकारी बताकर एक महिला और उसके परिवार को डराकर एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट में रखा (कॉन्सेप्ट फोटो- एआई)
रायपुर/लखनऊ: छत्तीसगढ़ के भिलाई में साइबर ठगों ने एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा कर दिखाया। खुद को CBI अधिकारी बताकर चार आरोपियों ने एक महिला और उसके परिवार को डिजिटल अरेस्ट में डाल दिया। पूरे एक महीने तक डर और धमकी के जरिए महिला से 54 लाख 90 हजार रुपये ठग लिए गए। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ से चार ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
नेवई थाना क्षेत्र की पीड़िता नम्रता चंद्राकर ने पुलिस को बताया कि 29 अप्रैल से 29 मई 2025 के बीच उसे और उसके पिता को अलग-अलग नंबरों से कॉल कर धमकाया गया। कॉल करने वाले खुद को CBI अधिकारी बताकर बोले कि उनके बैंक खातों से 2 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। आरोपियों ने सख्त कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर महिला से उसकी संपत्ति की जानकारी निकलवाई और भारी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली।
लखनऊ से चार आरोपी गिरफ्तार, फर्जी खाता भी मिला
दुर्ग पुलिस ने मामले की जांच के दौरान आरोपियों के मोबाइल और बैंक डिटेल्स निकालीं। इसके बाद लखनऊ पहुंचकर दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, कृष्ण कुमार और शुभम श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया। राजेश विश्वकर्मा ने वह यूनियन बैंक खाता उपलब्ध कराया जिसमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे। सभी आरोपियों से मोबाइल और आधार कार्ड जब्त कर लिए गए हैं।
महिला को एक महीने तक रखा गया डिजिटल अरेस्ट में
पीड़िता ने बताया कि उसे और उसके बुजुर्ग पिता को फोन कॉल्स और ऑनलाइन धमकियों के जरिए घर में ही रहने को मजबूर किया गया। इसे ही डिजिटल अरेस्ट कहा जा रहा है। दुर्ग एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है और जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
आरोपियों ने महिला को बनाया निशाना
पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल और आधार कार्ड जब्त कर लिया है। चारों को रिमांड पर लिया गया है और आगे की पूछताछ की जा रही है। पुलिस अन्य और सभी आरोपियों की भी तलाश कर रही है।