प्रतीकात्मक तस्वीर
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के परिसरों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे के विरोध में विपक्षी दल कांग्रेस ने सभी जिला मुख्यालयों में मंगलवार को प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार तथा ईडी का पुतला जलाया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि ईडी की कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को पार्टी ने सभी जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार और ईडी के पुतले जलाए।रायपुर में जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय के करीब गांधी मैदान में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ईडी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तथा बाद में नगर निगम के करीब चौक में ईडी का पुतला जलाया।
ईडी की कार्रवाई को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीति अब जांच एजेंसियों के सहारे चल रही है। उन्होंने कहा कि सात साल पुराने झूठे केस (सेक्स सीडी मामला) को अदालत ने खारिज कर दिया, लेकिन अब दुर्भावनापूर्वक ईडी को मोहरा बना कर भेजा गया है।
दीपक बैज ने कहा कि ईडी की टीम का पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के निवास पर पहुंचना जांच नहीं है बल्कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है, जो साफ दिख रहा है। अगर भाजपा यह सोच रही है कि कांग्रेस को डराया या रोका जा सकता है, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल है। कांग्रेस न झुकी है, न झुकेगी अब हर षड्यंत्र का जवाब और भी दमदार होगा। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के संचार विभाग के अध्यक्ष शुक्ला ने बताया कि कांग्रेस ने मंगलवार को रायपुर के साथ ही बिलासपुर, बस्तर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग समेत अन्य जिला मुख्यालयों में भी विरोध प्रदर्शन किया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ईडी ने कथित शराब घोटाले के मामले में भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत सोमवार को भिलाई के मानसरोवर कॉलोनी में बघेल के आवास और दुर्ग में 13 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी। सूत्रों के अनुसार, तलाशी करीब आठ घंटे तक चली। इस दौरान ईडी ने लगभग 30 लाख रुपये नकद और कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा था कि उनके परिसरों पर ईडी की छापेमारी भाजपा की हताशा का नतीजा है।
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ईडी के अनुसार राज्य में कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम गई। ईडी ने इस मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के पूर्व महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।