छत्तीसगढ़ में 208 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, फोटो- सोशल मीडिया
208 Naxalites Surrender in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में माओवाद के खिलाफ लड़ाई में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। शुक्रवार को 208 और नक्सलियों ने हथियार डाले, जिससे पिछले तीन दिन में आत्मसमर्पण करने वालों की संख्या 405 तक पहुंच गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे बस्तर में माओवाद के खिलाफ लड़ाई में “एक महत्वपूर्ण मोड़” बताया है।
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। माओवादी गढ़ माने जाने वाले माड़ क्षेत्र के 208 नक्सलियों ने शुक्रवार को जगदलपुर, बस्तर जिले के रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित एक कार्यक्रम में आत्मसमर्पण किया। इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा वर्चुअली शामिल हुए।
इस आत्मसमर्पण के साथ, राज्य में पिछले तीन दिन में हथियार डालने वाले नक्सलियों की संख्या 405 पहुंच गई है। इससे पहले, गुरुवार को 170 और बुधवार को 27 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं। इनमें कई ऐसे नक्सली कैडर हैं जो उच्च पदों पर रहे और सालों से घने जंगलों में सक्रिय थे। ये सभी नक्सली भारतीय संविधान की प्रति हाथ में लिए हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे। वे ‘पुनः मार्गे में’ (पुनर्वास के माध्यम से नई जिंदगी) लिखे बैनर लेकर आए थे।
इन नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के हवाले 153 हथियार भी किए। सौंपे गए हथियारों की सूची में 19 एके-47 राइफलें, 17 एसएलआर (SLR), 23 इंसास राइफलें, 1 इंसास लाइट मशीन गन (LMG), 36 .303 राइफलें, 4 कार्बाइन, 11 बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (BGL), 41 बारह बोर या सिंगल शॉट हथियार और 1 पिस्तौल शामिल थी।
सबसे प्रमुख आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली नेताओं में रूपेश (सतीश उर्फ असन्ना) शामिल है। 59 वर्षीय रूपेश सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों में से एक और उत्तर-पश्चिम उप-क्षेत्रीय प्रभारी था। उसे माओवादी सैन्य शाखा के खुफिया प्रमुख और विस्फोटक विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता था। रूपेश ने गुरुवार शाम को ही अपने साथियों के साथ बीजापुर पुलिस मुख्यालय में प्रारंभिक आत्मसमर्पण कर दिया था।
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मुख्यमंत्री साय ने इस बड़े आत्मसमर्पण को बस्तर में शांति स्थापित करने की दिशा में एक “महत्वपूर्ण मोड़” करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तरी बस्तर और अबूझमाड़ को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त घोषित कर दिया गया है। यह कदम हिंसा से आशा की ओर बदलाव का प्रतीक है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा सरकार के पिछले 22 महीनों में 477 नक्सलियों को मार गिराया गया है, 1,785 को गिरफ्तार किया गया है और 2,110 ने आत्मसमर्पण किया है।