वेडिंग सीजन (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वेडिंग इंडस्ट्री को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर ये बात कही है कि भारत में शादी ब्याह से संबंधित बिजनेस में काफी क्षमताएं हैं और इससे देश की इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने के लिए अहम भूमिका निभा सकता है।
शेखावत यहां उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानी पीएचडीसीसीआई की ओर से आयोजित पहले ‘विवाह पर्यटन शिखर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी’ का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उम्र के हिसाब से भारत की लगभग 54 प्रतिशत जनसंख्या 30 वर्ष से कम आयु की है। भारतीय परिवार अपनी इनकम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शादियों पर खर्च करते हैं।
चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री ने कहा है कि , “अगर हम 25 वर्ष और उससे कम आयु वाली जनसंख्या पर विचार करें, तो देश में लगभग 68 करोड़ लोग अगले कुछ सालों में शादी करने के योग्य हो जाएंगे। इस तरह वेडिंग इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाएं पैदा होती हैं।”
उन्होंने कहा कि वेडिंग इंडस्ट्री देश की इकोनॉमिक ग्रोथ का एक महत्वपूर्ण ऑपरेटर बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “यदि हम पर्यटन को वेडिंग इंडस्ट्री के साथ जोड़ते हैं और मौजूदा बेसिक इंफ्रास्क्रचर का लाभ उठाते हैं, तो हम इस सेक्टर की बढ़त को कई गुना बढ़ा सकते हैं।”
टूरिज्म का डेव्हलप्मेंट मिशन मोड में करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में एक महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया था जिसमें भारत को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रदर्शित करना था।
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प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल कहा था कि देश को ‘मेड इन इंडिया’ की तर्ज पर ‘वेड इन इंडिया’ जैसे आंदोलन की जरूरत है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि ग्रैंड इंडियन वेडिंग के साथ डेस्टिनेशन वेडिंग के बढ़ते चलन से टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। जैन ने कहा, “ग्लोबल वेडिंग इंडस्ट्री की वैल्यू 300 अरब डॉलर है, जिसमें अकेले इंडियन मार्केट 50 अरब डॉलर का है और यह सालाना 20-25 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)